बुआ ने अपनी हवस के लिए नाबालिग भतीजे का कई बार किया बलात्कार, हुई गर्भवती


कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा, संभवत: देश का पहला ऐसा है मामला

प्रखर एजेंसी। महिला अथवा किशोरी के साथ पुरुष द्वारा बलात्कार के कई मामलो में अपने सज़ा की खबरे पढ़ी होंगी। मगर देहरादून के इस मामले को जानकार आप चौक जायेगे। जहा बुआ ने अपने नाबालिग भतीजे के साथ बलात्कार करके गर्भवती हो गई। 2022 में पीड़ित किशोर की माँ के शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। जिसमे अदालत ने तमाम गवाह और सबूतों के मद्देनज़र आरोपी बुआ को दोषी करार देते हुवे 20 साल कैद-ए-बामशक्कत की सज़ा मुक़र्रर किया है। शायद यह देश का पहला ऐसा मामला है जहां किसी महिला को जबरदस्ती यौन सम्बंध बनाने के मामले में कोर्ट ने इतनी कड़ी सजा सुनाई है। मामले की शुरुआत जुलाई 2022 को हुई जब 16 साल के एक लड़के की मां देहरादून के वसंत विहार थाने में पुलिस के पास एक शिकायत ले कर पहुंची। शिकायत थी अपनी ननद के खिलाफ जिस पर अपने नाबालिग बेटे के साथ जबरदस्ती यौन सम्बंध बनाने का आरोप लगाया था। महिला ने बताया कि उसकी ननद उसके पति की सौतेली बहन है जो अपने पति से मनमुटाव के बाद अब उन्हीं के घर पर रहती है।

मामले की विवेचना में पुलिस तब हैरान रह गई जब उन्हें पता लगा कि आरोपी महिला आठ महीने की गर्भवती है। मेडिकल जांच और डीएनए सैंपलिंग कराने पर तस्दीक हो गई कि बच्चे का बाप वही नाबालिग भतीजा था। इसके बाद की पूछताछ में इस महिला ने जो बताया उसे सुन कर पुलिस के भी होश उड़ गये। पता लगा कि अपनी हवस पूरी करने के लिये उसने अपने सौतेले भतीजे को महीनों तक अपने साथ सम्बंध बनाने पर मजबूर किया।

चूंकी भतीजा नाबालिग था लिहाजा जिस्मानी सम्बंध बनाने में उसकी मर्जी के कोई मायने नहीं थे। ये सब कुछ जानते हुए भी महिला ने लगातार उसके साथ दुष्कर्म किया। इस हद तक कि आखिर में वो उसके बच्चे की मां बन गई। इस मामले को देहरादून की स्पेशल पोक्सो कोर्ट ने बेहद संजीदगी से लिया। पुलिस ने 5 जुलाई 2022 को महिला के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर लिया था। अक्तूबर 2022 में जांच पूरी कर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी। इसके बाद हुई सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से छह गवाह पेश हुए। ये बात भी कोर्ट के संज्ञान में आई की आरोपी महिला शादीशुदा है और उसके पहले से दो बच्चे हैं। इसके बाद मेडिकल जांच, डीएनए सैंपलिंग और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी महिला को बीस साल की सजा सुनाई और दस हजार रुपये का जुर्माना किया।