प्रखर गाजीपुर। लोकसभा 2024 गाज़ीपुर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है । बता दे की बसपा ने इस बार काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व महामंत्री और कभी आम आदमी पार्टी की नेतागिरी करने वाले डॉक्टर उमेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है। उमेश सिंह छात्र नेता रहे हैं और बहुत ही लो प्रोफाइल रहते हुए उन्होंने छात्रों के साथ लगातार संवाद स्थापित करके उन्हें नैतिक रूप से राजनीति का ककहरा सीखने के लिए प्रेरित करने का काम किया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता यह उम्मीद लगाए बैठे थे कि मनोज सिंहा जम्मू कश्मीर से वापस आकर यहां लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मैदान में होंगे, लेकिन लंबे मंथन के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पारसनाथ राय को उम्मीदवार बना कर मैदान में उतारा है जो लगातार भारतीय जनता पार्टी की नीतियों पर काम करते रहे है लेकिन कार्यकर्ता और जनता के बीच में उसकी उपस्थिति लगभग ना के बराबर रही है । वहीं दूसरी तरफ वर्तमान सांसद अफजाल अंसारी पर समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर दाव लगाया है वही उनको लेकर चर्चा यह है कि 30 अप्रैल को कोर्ट का फैसला आना है जिसमें संभवत अफजाल अंसारी की सजा मुकर्रर हो जाए। लिहाजा समाजवादी पार्टी अपने प्रत्याशी को लेकर अभी भी उपापोह की स्थिति में है। ऐसे में गाजीपुर लोकसभा में डॉक्टर उमेश सिंह लगातार अपने विपक्षियों पर हमलावर हैं उन्होंने गाजीपुर के युवाओं को एक नारा दिया है। एक दबाओ दो भगाओ,एक असल माफिया है और एक नकल माफिया है। ऐसे में डॉक्टर उमेश सिंह की या तुकबंदी युवाओं में खासकर सवर्ण युवाओं में एक स्लोगन बनता जा रहा है और उमेश सिंह जिस तरह से आक्रामक होकर के अपने विपक्षियों पर हमला बोल रहे हैं उसे यह सब जाहिर है कि अगर भारतीय जनता पार्टी से नाराज वोटर कहीं उमेश के पक्ष में मजबूती से खड़ा हो गया तो समाजवादी पार्टी की साइकिल और भारतीय जनता पार्टी के कमल के ऊपर गजराज विराज सकते हैं । हालांकि परिस्थितियों अभी बदलनी शेष है क्योंकि यहां पर अंतिम चरण में चुनाव होने हैं लिहाजा बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व उस समय पूर्वांचल में उपस्थित होगा जो यह कभी नहीं चाहेगा कि भारतीय जनता पार्टी की एक भी सीट पूर्वांचल से कम हो ऐसे में उमेश सिंह का नारा एक दबाओ दो भगाओ ,एक असल माफिया दूसरा नकल माफिया अपने आप में कितना प्रासंगिक रहता है यह तो समय के गर्भ में छिपा है।