मुंबई के एक स्कूल ने पेश की मानवता की मिसाल, 3 हजार छात्रों की 1.8 करोड़ की फीस कर दी माफ

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प्रखर मुम्बई/एजेंसी। कोरोनाकाल के चलते अब तक महाराष्ट्र में स्कूल शुरू नहीं हो पाए हैं। ऐसे में एक तरफ जहां ज्यादातर स्कूल अपने बच्चों से ऑनलाइन पढ़ाई करवाकर पूरी फीस वसूल रहे हैं, वहीं मुम्बई के वर्सोवा में स्थित चिल्ड्रन वेलफेयर सेंटर स्कूल ने अपने 3 हजार बच्चों की करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपये तक फीस माफ कर दी है। वर्सोवा का चिल्ड्रन वेलफेयर सेंटर हाई स्कूल भी कोरोना के चलते बंद है लेकिन कठिन परिस्थितियों में भी स्कूल प्रबंधन अपने पूरे स्टाफ को ना सिर्फ सैलरी दे रहा है बल्कि अब एक कदम आगे जाकर स्कूल ने अपने यहां पढ़ रहे 3 हजार गरीब बच्चों की तीन महीने की फीस माफ कर दी है जो तकरीबन 1.8 करोड़ रुपए है। स्कूल के प्रिंसिपल अजय कौल ने बताया कि हमें भी लॉकडाउन और स्कूल बंद होने से दिक्कतें हो रही हैं, स्टाफ का खर्चा और स्कूल का प्रबंधन सब देखना पड़ रहा है लेकिन हमसे ज्यादा परेशानी हमारे यहां पढ़ रहे बच्चों और उनके परिवारों को हो रही है। इसी बात को ध्यान में रखकर हमने सोचा अगर बच्चों की कुछ महीनों की फीस माफ कर दी जाए तो आर्थिक रूप से उन्हें काफी मदद मिलेगी। प्रिंसिपल अजय कौल के मुताबिक स्कूल में पढ़ रहे बच्चों से 2000 रुपए महीने तक फीस ली जाती है, लेकिन मार्च महीने में जबसे लॉकडाउन लगा है तब से बच्चों के अभिभावक एक महीने की फीस भी बमुश्किल से दे पा रहे हैं। कई लोगों का काम छूट गया है तो कई लोगों की सैलरी समय पर नहीं मिल रही है। यही वजह है कि फीस का बैकलॉग लगातार बढ़ता जा रहा था और लोगों को राहत देने का एकमात्र तरीका था फीस माफी, ताकि बच्चों के परिवारों को राहत भी मिल जाए और उनकी कुछ जरूरतें भी पूरी हो सकें। फीस माफी से अभिभावक भी खुश हैं और उनका मानना है की कोरोना के संकट भरे समय में ये राहत काफी काम आएगी। चिल्ड्रन वेलफेयर सेंटर स्कूल मुम्बई के वर्सोवा में पिछले 40 सालों से चल रहा है और यहां ज्यादातर वर्सोवा स्तिथ मच्छीमार कॉलोनी के गरीब बच्चे पढ़ते है, अक्सर स्कूल अलग अलग तरह से समाजसेवा से जुड़े काम भी करता है लेकिन इस बार करोड़ों रुपये की फीस माफ कर स्कूल ने एक मिसाल कायम कर दी है।