मायावती के बयान के बाद मल्हनी उपचुनाव की लड़ाई धनंजय सिंह और मनोज सिंह के बीच पहुंचती हुई ?

 

बीजेपी व धनंजय दोनों बसपा के बेस वोट को अपनी तर खींचने के अंतिम प्रयास पर लगे हुए

 

प्रखर जौनपुर। जौनपुर के कद्दावर नेता मिनी मुलायम के नाम से मशहूर पारसनाथ यादव की मौत के बाद मल्हनी विधानसभा में उपचुनाव होने जा रहा है। इस उपचुनाव में सपा, भाजपा व निर्दलीय प्रत्याशी धनंजय सिंह के बीच कांटे का मुकाबला बताया जाता है। लेकिन इसी बीच एक नया मोड़ आता है, जहां पर सपा राज्यसभा चुनाव को लेकर बसपा के 7 विधायकों को तोड़ लेती है। जिससे बुरी तरह नाराज होकर मायावती एक बयान जारी करती है कि अगर सपा को कहीं भी किसी तरह भी हराना पड़ा तो हम बीजेपी के साथ भी जा सकते हैं । इस बड़े बयान के बाद मल्हनी उपचुनाव में एक नया मोड़ आता दिख रहा है। अब जो मल्हनी उपचुनाव लोगों द्वारा लकी यादव के पक्ष में बताया जा रहा था, वह उपचुनाव अब लकी यादव के हाथ से निकलता दिखाई दे रहा है। क्षेत्र में लोगों का कहना है कि मायावती के इस बयान के बाद बसपा की वोटर असमंजस की स्थिति में है कि क्या करें? अब बड़ा सवाल यह है कि भाजपा की तरफ जाएं या फिर अपने पूर्व बसपा के नुमाइंदे धनंजय की तरफ। वहीं भाजपा के लोग घूम कर बसपा के वोटरों को अपनी तरफ मोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, साथ ही धनंजय भी अपनी सारी कला लगाते हुए बसपा वोटरों को अपनी तरफ खींचने का प्रयास कर रहे हैं। बतादे कि प्रचार अभियान 24 घंटे बाद रुक जाएगा। इसे देखते हुए सभी दलों ने दिन रात एक कर दिया है। दूसरी बार हो रहे उपचुनाव में बखूबी लड़ाई आमने सामने वाली हो गयी है। इसमें भी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी हाईकमान के झगड़े में स्थिति लड़ाई की दिशा बदलनी शुरु कर दी है। विदित हो कि राज्यसभा के नामांकन प्रक्रिया के दौरान बहुजन समाजवादी पार्टी के आधा दर्जन से अधिक विधायक अपना समर्थन वापस ले लिया। यहीं से बसपा और सपा में तनाव बढ़ गया। बसपा सुप्रीमो मानती हैं कि सारे विधायक सपा ने तोड़ लिये इसी के चलते उन्होंने उपचुनाव में अपने मतदाताओं से साफ तौर पर कह दिया कि सपा के जहां भी उम्मीदवार हों उन्हें हराने वाले प्रत्याशी को हमारे मतदाता समर्थन करेंगे। इसी एक शब्द ने मल्हनी में हो रहे विधानसभा के उपचुनाव में पासा पलटता दिख रहा है।
भाजपा प्रत्याशी और पार्टी के नेता अब बसपा के वोटों को अपनी तरफ खींचने में जुट गये हैं। वहीं निर्दल धनंजय सिंह पूर्व में बसपा में रहने के चलते अपनी पैठ बनाये हुए हैं और बसपा के वोटो को अपनी तरफ खींचने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। एक ओर भाजपा इन मतदाताओं पर अपना दावा ठोंकने लगी है वहीं सपा के लकी यादव अपना वोट बैंक बचाने में जुगत में दिख रहे हैं। वही कांग्रेस अपने बेस वोट बैंक के लिए ही परेशान है तो बसपा उम्मीदवार भ्रम की स्थिति में कभी धनंजय तो कभी भाजपा के मनोज सिंह की तरफ देखकर असमंजस की स्थिति में हैं।