असली सिंह भारत के लोग हैं, मेरे पास तो केवल गुर्राने का दायित्व- आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत

प्रखर गाजीपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत ने विश्वसंवाद केंद्र काशी से सड़क मार्ग द्वारा सिद्धपीठ हथियाराम गाजीपुर पहुंचकर सिद्धिदात्री मां भगवती के चरणों में प्रणाम निवेदित किया।मठ पर पहुंचने के पश्चात उन्होंने पीठाधीश्वर पूज्यपाद महामण्डलेश्वर भवनीनन्दन यति महाराज के नेतृत्व में वैदिक रीति से पारम्परिक पूजा और अनुष्ठान में भाग लिया।शिव पूजन,शक्ति पूजन,ध्वजपूजन गौ पूजन,कूप पूजन में भाग लेने के साथ ही मां भारती की रक्षा में बलिदान होने वाले वीर सपूतों के परिजनों को अंगवस्त्र और स्मृतिचिन्ह चिन्ह देकर संघ प्रमुख श्री मोहन भागवत ने सम्मानित किया।मठ के महन्थ स्वामी भवानीनन्दन यति से विचार विनिमय करते हुए उन्होंने बताया कि अतीत में जब शारीरिक प्रमुख के दायित्व में थे तब गाजीपुर आना हुआ था।लम्बे अंतराल के बाद आज ऋषियों की तपस्थली पर आने का सुयोग बना।यद्यपि गत वर्ष हथियाराम आगमन का कार्यक्रम तो बना किन्तु कोरोना ने आने से रोक दिया।सन्यास आश्रम में महाराज श्री के पचीस वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रजतजयन्ती समारोह के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सबकुछ श्रीराम जी की इच्छा से हो रहा है।हम तो निमित्त मात्र हैं।भारतीय जनमानस सिंह की भांति है और सिंह कभी आराम नहीं करते ।सदैव अपने काम में लगे रहते हैं ।मेरी भूमिका तो बस गुर्राने की है।मुझे आपने जो काम दिया है उसे ठीक प्रकार से करने की कोशिश करता हूँ इसके अलावा और कुछ नहीं।यति महाराज ने मेरे बारे में जो कुछ कहा वह सन्तजन का स्वभाव है।सन्तों की यह विशेषता होती है कि परमाणु को भी पहाड़ जैसा बताते हैं। मेरे बारे में जो कुछ यति महाराज द्वारा कहा गया है उसे ऐसा ही मानिए।मैं यहाँ पाथेय देने नहीं आया हूँ बल्कि धार्मिक स्थलों पर आकर और सन्तों के सानिध्य लाभ से ऐसा प्रतीत होता है कि मेरी बैटरी चार्ज हो जाती है।यह मठ आठ सौ वर्षों की एक सुदीर्घ परम्परा वाला स्थान है जहां मृणमयी माता साक्षात विराजमान है।पूज्य भवानीनन्दन यति ने अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह देकर श्री मोहन भागवत का सम्मान किया तथा मठ के लिए इसे गौरवशाली क्षण बताया।इस अवसर पर संघ के अखिलभारतीय पदाधिकारी श्री अनिल ओक ,क्षेत्र प्रचारक श्री अनिल जी ,काशी के प्रांत प्रचारक श्री रमेश जी,सह प्रांतप्रचारक श्री मुनीश जी,विभाग प्रचारक श्री जगदीश जी ,जिलापरचरक श्री कमलेश जी,श्री प्रेमसागर जी,सह विभाग कार्यवाह श्री आनंद कुमार ,डॉ सानंद सिंह तथा डॉ. सन्तोष कुमार मिश्र प्रमुख रूप से उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन डॉ. सन्तोष सिंह यादव ने किया।