एसटीएफ व महाराष्ट्र पुलिस ने वाराणसी में फिर पकड़ी सिंथेटिक ड्रग की फैक्ट्री, करोड़ो का माल बरामद

16 मार्च की गिरफ्तारी के बाद मिले थे सुराग

प्रखर वाराणसी। वाराणसी एसटीएफ व महाराष्ट्र पुलिस की संयुक्त टीम ने बुधवार की देर रात और गुरुवार को दिन में बड़ागांव और आजमगढ़ के बरदह से सिंथेटिक ड्रग्स बनाने वाले छह शातिरों को दबोचा । बरदह में मोबाइल की दुकान की आड़ में चल रही फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया । मोबाइल सेंटर के पीछे संचालित फैक्ट्री से 20.18 करोड़ के सिंथेटिक ड्रग्स और केमिकल बरामद किए हैं । एएसपी विनोद सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में शिवपुर के रुद्रा अपार्टमेंट निवासी संदीप तिवारी , ललित पाठक , विजय पाल , बिंदु पटेल , निलेश पांडेय और अनिल जायसवाल हैं । एसटीएफ के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह , अमित श्रीवास्तव , ठाणे क्राइम ब्रांच के पुलिस निरीक्षक दिलीप पाटिल , सहायक पुलिस निरीक्षक रुपाली ने शातिर संदीप तिवारी और ललित पाठक को बुधवार रात करीब 11 बजे बड़ागांव के औसानगंज से दबोचा । उनसे पूछताछ के बाद आजमगढ़ के बरदह में सुप्रिया मोबाइल केंद्र पर छापेमारी की गई । वहां से चार अन्य को गिरफ्तार कर तैयार सिंथेटिक ड्रग्स , केमिकल और उपकरण बरामद किये गये । ठाणे के कसावडावली थाना में दर्ज केस में सभी को ट्रांजिट रिमांड पर महाराष्ट्र पुलिस साथ ले कार्यवाही में जुटी रही । एसटीएफ और महाराष्ट्र पुलिस ने 16 मार्च को सिंधोरा के भगवतीपुर में किराये के मकान में संचालित फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए 30 करोड़ के ड्रग्स बरामद किए थे । बड़ागांव के तिवारीपुर निवासी संतोष गुप्ता उर्फ बल्ली और पुवारी खुर्द निवासी अतुल सिंह को गिरफ्तार किया था । दोनों को महाराष्ट्र पुलिस साथ ले गई थी । उनसे पूछताछ में आजमगढ़ में चल रही फैक्ट्री और अन्य के नाम की थी। पूछताछ में सामने आया कि संदीप तिवारी ड्रग्स तैयार करना सिखाता था । उसने विजय पाल और बिंदु पटेल को सिखाया कि कितने अनुपात में केमिकल मिलाते हैं । इसके बाद तीनों ड्रग्स तैयार करने के लिए केमिकल मिलाते थे । बताया कि ठाणे पुलिस के वांछित नालासोपारा के विनायक नगर निवासी ओम गुप्ता उर्फ मोनू के सहयोगी अनिल जायसवाल , निलेश पांडेय गुजरात के वापी से लैब की दुकानों से केमिकल प्राप्त कर विजय पटेल तथा बिंदु पटेल को उपलब्ध कराते थे । केमिकल बरदह में सुप्रिया मोबाइल शाप ले जाया जाता था , जहां ड्रग अगला तैयार किया जाता था । सेंट्रल मुंबई की सेमी उर्फ सविता श्यामलाल सरकार सिंथेटिक ड्रग ले जाती थी । वह फ्लाइट से आती थी ड्रग्स को 8 लाख रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदकर लाती थी । चार दिन पहले भी 2.5 किग्रा ड्रग्स लेकर गई थी । उसका पैसा यहां के तस्करों के बजाय मुंबई में अनिल जायसवाल के भाई दिलीप जायसवाल को सेंट्रल मुंबई में नकद दिया गया । सेमी उर्फ सविता ने पांच किलो सिन्थेटिक ड्रग्स तैयार कर उपलब्ध कराने के लिए एडवांस पैसे भी दिये । एसटीएफ ने बीते साल 4 अगस्त को शिवपुर में सिंथेटिक ड्रग की फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए जौनपुर निवासी संदीप तिवारी को उसके चार साथियों के साथ दबोचा था। अभियोजन की ओर से प्रभावी पैरवी नहीं होने से चार माह पहले ही वह जमानत पर छूट गया और पुन : धंधे में लग गया । सिंधोरा और आजमगढ़ में अपने लड़कों के जरिये नई जगहों पर फैक्ट्रियां डलवाकर ड्रग्स बनवाकर मुंबई के आकाओं को सप्लाई में जुट गया । अब फिर से हत्थे चढ़ा है । संदीप तिवारी ने रसायन विज्ञान से स्नातक किया है । उसका संपर्क मुंबई के सिंथेटिक ड्रग्स बनाने वाले तस्करों से हो गया । वहीं से ड्रग्स बनाना सीखा और मुंबई में सख्ती बढ़ने ऐप पर पढ़ें वाराणसी का रुख किया । वाराणसी के बाद अन्य जनपद में ड्रग्स बनवाने में जुट गया ।