त्रिशूल, स्वास्तिक सहित कई धार्मिक चिन्ह एएसआई सर्वे टीम के रिकॉर्ड में दर्ज, आज रेडिएशन से होगी जांच!

प्रखर वाराणसी। एएसआई की टीम ने सर्वे के दौरान ज्ञानवापी की दीवारों, खंभों और गुंबद पर बने त्रिशूल, स्वस्तिक और प्रतिमाओं को रिकॉर्ड में दर्ज किया है। पश्चिमी दीवार के सर्वे में घंटी, कलश और फूल की आकृतियां बनी मिली हैं। इसकी फोटो व वीडियोग्राफी भी कराई गई है। एएसआई ने परिसर में हुए निर्माण की जांच में कई अहम साक्ष्य जुटाए हैं। पश्चिमी दीवार पर हाथी के सूंड की टूटी आकृतियां मिली है। पान के पत्ते सहित ऐसी कई आकृतियां खंभों, गुंबद की दीवारों पर दिखीं, जिसे रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। एएसआई की टीम अब कलाकृतियों की निर्माण शैली व उसकी प्राचीनता सहित अन्य पहलुओं को जांच के दायरे में रखेगी। इसकी रिपोर्ट बनाएगी।सर्वे के दौरान मौजूद सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट कमिश्नर ने सर्वे के दौरान जो दावा किया गया था, वह सच होता दिख रहा है। सर्वे में लगी एक-एक आकृति का ब्योरा जुटा रही है। पूरे परिसर सही व सटीक अध्ययन के लिए टीम फिलहाल तीन से चार दिन तक इसी तरह जांच करेगी। एएसआई की टीम ने रडार तकनीक से जांच के लिए आईआईटी सहित देश के नामचीन शिक्षण संस्थानों की मदद लेने का फैसला किया है। आधुनिक तकनीक की मशीन भी मंगाई जा रही है। रडार पहुंचने में दो से तीन दिन का समय और लग सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार से ग्राउंड पेनेट्रेटिक राडार तकनीक से अपनी जांच आगे बढ़ा सकती है। मां शृंगार गौरी के मुकदमे की वादिनी राखी सिंह के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने आरोप लगाया कि शुक्रवार को भी सर्वे की कार्रवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने दरवाजा नहीं खोला। 24 जुलाई को भी ऐसा ही हुआ था। इसलिए एएसआई की टीम ने सर्वे का काम परिसर के बाहरी हिस्से में किया है। अधिवक्ता ने कहा कि यह तरीका सही नहीं है। जिला अदालत और हाईकोर्ट ने सर्वे में मुस्लिम पक्ष को सहयोग करने के लिए कहा था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सर्वे पर रोक की अपील खारिज कर दी है। शनिवार से मुस्लिम पक्ष सर्वे में सहयोग करने की उम्मीद है। सर्वे के लिए दरवाजा खुलना चाहिए।