लोकसभा चुनाव के पहले ही इंडिया गठबंधन में पड़ने लगी गांठ, केजरीवाल और अखिलेश के बाद अब नीतीश का छलका दर्द!

प्रखर पटना। इंडिया गठबंधन की गांठ धीरे-धीरे मोटी होती जा रही है। अब नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन पर नाराजगी जताई है। पटना में सीपीआई के मंच पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। जहां पर बोलते हुए उनका दर्द छलक गया। वहा पर लेफ्ट के तमाम नेता भी मौजूद थे। बतादे की जब मंच पर बोलने के लिए जब नीतीश कुमार आए तो उनका दर्द छलक आया। उन्होंने कहा, ‘INDIA गठबंधन के लिए देश के नेताओं को जुटाना आसान नहीं था। सभी दलों के साथ बातचीत हुई। सभी से कहा कि एक जुट होइए। जो देश का इतिहास बदल रहे हैं, उनसे बचाइए। 23 जून को पटना में मीटिंग हुई। इसके बाद INDIA गठबंधन का गठन किया गया। अब ये तो हो ही गया। अभी तो काम ज्यादा नहीं हुआ है। कांग्रेस पार्टी 5 राज्यों में व्यस्त है। हम सभी कांग्रेस को कांग्रेस को आगे बढ़ाना चाहते थे, लेकिन उन्हें इन सब चीज की चिंता नहीं है।’नीतीश कुमार ने जो कुछ कहा, उसके कई मायने हैं। अभी तक वे बेहद शांत दिख रहे थे। उनकी तरफ से कांग्रेस के लिए ऐसा बयान नहीं आया था। आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने भले ही नाराजगी जताई थी। लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने पहले ऐसा बयान नहीं दिया।जदयू नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के सूत्रधार हैं। इसीलिए पहली बैठक बिहार में ही हुई थी। नीतीश कुमार को भी मलाल है कि वे इंडिया के सूत्रधार कहते जाते हैं, लेकिन उन्हें इंडिया गठबंधन से मिला कुछ भी नहीं है। उनकी पार्टी के कई नेता नीतीश कुमार को पीएम पद का प्रबल दावेदार बताया। संयोजक बनाने की बात सामने आई। हालांकि नीतीश कुमार ने कभी ऐसी मंशा कभी जाहिर नहीं की। फिलहाल नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन का कांग्रेस को खलनायक करार दे दिया है। वही दुसरी ओर पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने इंडिया गठबंधन में चल रही अंदरूनी लड़ाई पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि गठबंधन में अभी भी कुछ अंदरूनी झगड़े हैं, जो नहीं होने चाहिए थे। खासकर ऐसे मौके पर जब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। उन्होंने गठबंधन को मौजूदा स्थिति में कमजोर बताया था। कहते हैं कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर निकलता है। ऐसे में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को अपनी रणनीति का खुलासा कर दिया है। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं। अखिलेश यादव ने महज 15 सीटें विपक्ष के लिए छोड़ने की मंशा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सपा 2024 के लोकसभा चुनाव में 80 में से 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और 15 गठबंधन सहयोगियों के लिए छोड़ेगी। यूपी में इंडिया गठबंधन के चार सहयोगी दल हैं। इनमें एसपी, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) और अपना दल (के) है। इससे पहले अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया था। वे 6 सीटों के साथ चुनाव में उतरने के लिए तैयार थे। लेकिन कांग्रेस ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए। बाद में एसपी ने एमपी की 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। अखिलेश ने कहा कि सपा अकेले दम पर यूपी में सत्तारूढ़ भाजपा को हराने में पूरी तरह सक्षम है।