स्तन कैंसर को रोकने के लिए बीएचयू ने बनाई रुद्र रस नामक दवा, चूहों पर ट्रायल सफल!

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रुद्र रस में सिंदूर, गौमूत्र सहित कई औषधियों का प्रयोग

प्रखर वाराणसी। बीएचयू अस्पताल में आने वाले स्तर कैंसर के मरीजों की अगर बात करें तो साल दर साल संख्या बढ़ती जा रही है। चिंता की बात यह है कि पहले यह बीमारी 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को होती थी अब 30 से 50 साल वालों को भी बीमारी होने लगी है।
बतादे कि स्तन कैंसर से ग्रसित मरीजों के इलाज में बीएचयू आयुर्वेद संकाय में बनने वाली दवा रुद्र रस कारगर साबित होगी। रसशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. देवनाथ सिंह गौतम और उनके शोध छात्र डॉ. मनोज दास ने जो शोध कार्य किया है, उसमें सफलता मिलने के बाद अब इस दिशा में काम आगे बढ़ गया है। जो दवा बन रही है, उसके चूहों पर ट्रायल सफल होने के बाद अब मरीजों को दवा देने का निर्णय लिया गया है। बीएचयू अस्पताल में आने वाले स्तर कैंसर के मरीजों की अगर बात करें तो साल दर साल संख्या बढ़ती जा रही है। चिंता की बात यह है कि पहले यह बीमारी 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को होती थी अब 30 से 50 साल वालों को भी बीमारी होने लगी है। आयुर्वेद संकाय के रसशास्त्र विभाग में आयुर्वेदिक दवाइयों के बनाए जाने पर शोध करने वाले प्रो.डीएन सिंह गौतम का कहना है कि इस समय कैंसर समाज के लिए एक गंभीर बीमारी होती जा रही है। इसका मॉडर्न मेडिसिन में भी इलाज है, लेकिन दवाइयों के दुष्प्रभाव का खतरा अधिक होने के साथ ही कीमती इलाज भी है। इसकी तुलना में आयुर्वेदिक औषधियां सस्ती और दुष्प्रभाव रहित होती है। प्रो. देवनाथ सिंह गौतम का कहना है कि रूद्र रस को पारद,गंधक से निर्मित रस सिंदूर, हीरक भस्म में पुनर्नवा स्वरस ,चोलयी स्वरस ,ताम्बुल स्वरस, निर्गुन्डी स्वरस,पिप्पली स्वरस और गौमूत्र की भावना देकर बनाया गया है। कैंसर सेल लाइन पर और चूहों में कैंसर उत्पन कर उन्हें इस दवाइयों को देकर ट्रायल किया गया है। करीब तीन महीने बाद देखा गया कि कैंसरका प्रभाव चूहों में कम हो गया। इस सुखद परिणाम के बाद अब इसका क्लीनिकल ट्रायल किया जाएगा। इसमें बीएचयू अस्पताल में आने वाली स्तन कैंसर के मरीजों को शामिल किया जाएगा।