कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू की कहानी, सांसदी एफिडेविड में संपत्ति 27 लाख आयकर छापामारी में मिले 225 करोड़

प्रखर डेस्क। झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज साहू के ठिकानों से करीब 225 करोड़ मिल चुके हैं। इससे कांग्रेस एक बार फिर सीधे-सीधे भाजपा के निशाने पर आ गई। भाजपा की इस मौके को छोड़ना नहीं चाहती। इसलिए विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष VD शर्मा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचारियों का परिवार है और MP धीरज साहू उस परिवार का ATM है, जिसमें कुबेर के धन का खजाना है। हाथ डालो और खजाना बाहर। देश जानना चाहता है कि क्यों 2 बार चुनाव हार चुके धीरज साहू को तीसरी बार सांसद का टिकट दिया गया। ऐसे भ्रष्टाचारी पर इतनी मेहरबानी क्यों? 2010 से सांसद हैं और अपना खजाना भरे जा रहे हैं। कितने घोटाले किए, इसकी जांच होनी चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग की 40 सदस्यीय टीम झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। पिछले 3 दिन से यह रेड जारी है, जिसमें अब तक सांसद के कई ठिकानों से 225 करोड़ कैश मिल चुका है। एक जगह तो अलमारी में नोटों की गड्डियां भरी मिली। आयकर विभाग की टीम ने धीरज साहू की ओडिशा में बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तरों में भी रेड मारी। इसके अलावा टीम ने ओडिशा के बोलांगीर और संबलपुर, झारखंड के रांची-लोहरदगा और कोलकाता में भी रेड मारी। वहीं धीरज साहू के ठिकानों से मिला खजाना इतना ज्यादा है कि आयकर अधिकारियों को गिनने के लिए करीब 40 मशीनें मंगवानी पड़ी। कई मशीन तो पैसे गिनते-गिनते हांफने लगी। ऐसे में आयकर अधिकारी कैश को 156 बैगों में भरकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच में ले गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, धीरज साहू साल 2010 से झारखंड से कांग्रेस सांसद हैं। आज उनके ठिकानों से करीब 225 करोड़ कैश मिला है, लेकिन राज्यसभा चुनाव के दौरान उन्होंने चुनाव आयोग को जो ऐफिडेविट दिया था, उसमें उन्होंने कुछ और ही जानकारी दी थी। इसमें धीरज साहू ने 8.89 करोड़ की प्रॉपर्टी बताई थी। 15 लाख कैश अकाउंट में बताया। पत्नी और आश्रितों को मिलाकर पूरे परिवार के पास सिर्फ 27.50 लाख कैश बताया। ऐसे में अब धीरज साहू के खिलाफ ED भी कार्रवाई कर सकती है। ओडिशा में ED के जोनल ऑफिस को जांच करने का आदेश दिया गया है, क्योंकि शक है कि यह पैसा छतीसगढ़ विधानसभा चुनाव से कनेक्शन रखता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 23 नवंबर 1959 को रांची में जन्मे धीरज साहू सांसद होने के साथ-साथ बिजनेसमैन भी हैं। शराब कारोबारी भी हैं। वे झारखंड के लोहदरगा निवासी साहू पूर्व सांसद शिव प्रसाद साहू के भाई हैं। शिव प्रसाद साहू रांची से 2 बार कांग्रेस सांसद रहे। धीरज साहू के पिता बिहार के छोटानागपुर में जन्मे राय साहब बलदेव साहू स्वंत्रता सेनानी रहे। आजादी के समय से ही साहू परिवार कांग्रेस से जुड़ा है। उनकी मां का नाम सुशीला देवी है। धीरज ने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1977 में की और BA करने के बाद सबसे पहले यूथ कांग्रेस से जुड़े। साहू 3 बार राज्यसभा सांसद रहे। पहली बार 2009 में, फिर जुलाई 2010 में और इसके बाद मई 2018 में राज्यसभा पहुंचे।