राममय हुआ देश प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व काशी प्रांत में विशाल एवं भव्य शोभा यात्रा

-देश के कोने में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अभूतपूर्व उत्साह

– काशी प्रांत की एतिहासिक पहल खुद प्रांत प्रचारक कर रहे नेतृत्व

प्रखर सुल्तानपुर। त्रेता में भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद जब अयोध्या वापस लौटे होंगे तो क्या इससे अभूतपूर्व स्वागत उनका हुआ होगा या फिर इस कलयुग में उनके मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में जिस तरह से पूरा देश एक साथ उनके स्वागत के लिए खड़ा है यह अपने आप में ऐतिहासिक क्षण है, स्वर्ग में बैठे देवी देवता भी कलयुग में भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में मानवो के इस श्रद्धा और विश्वास को देखकर अचंभित होंगे। 22 जनवरी आने में अब हफ्ते भर का भी समय शेष नहीं है लेकिन अभी से यह पूरा देश एक रंग में रंग सा गया है। देश भर के मंदिर राम के प्राण प्रतिष्ठा की अगवानी के लिए तैयार हो रहे हैं भारतीय जनमानस ने देश भर के करोड़ो देवी देवताओं के मंदिरों की साफ- सफाई, रंगाई- पुताई से लेकर वहां पर 22 जनवरी को विधिवत पूजा पाठ का जो संकल्प लिया है वह अपने आप में अभूतपूर्व है। देश भर से शोभा यात्रा निकाली जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की काशी प्रांत की इकाई ने इस पूरे राम मंदिर के लिए जो ऐतिहासिक कार्य किया है, वह अतुलनीय है। काशी प्रांत ने सबसे पहले पूरे देश से इकट्ठा होने वाले राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह में सबसे अग्रणी भूमिका निभाई उसके बाद से राम मंदिर की तैयारी को लेकर के भी काशी प्रांत सबसे आगे दिखाई दे रहा है। प्रांत के लगभग 5 लाख कार्यकर्ता करोड़ घरों में राम मंदिर के लिए निमंत्रण देने लगातार पहुंच रहे हैं । खुद काशी प्रांत के प्रांत प्रचारक रमेश जी मोर्चा संभाले हुए हैं। सुल्तानपुर से लेकर बनारस तक लगातार एक किए हुए हैं। प्रयागराज, सुल्तानपुर, अमेठी, जौनपुर,सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर सहित तमाम जनपदों में उनकी उपस्थिति लगातार देखी जा रही है। वह स्वयं आमंत्रण पत्र लेकर लोगों से सीधे संवाद कर उन्हें राम मंदिर का आमंत्रण देते दिखाई दे रहे हैं। सुलतानपुर में
आयोजित शोभा यात्रा में बोलते हुए प्रांत प्रचारक रमेश जी ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण लाखों लोगों के बलिदान के उपरांत आया है। हम सभी सौभाग्यशाली है जो इस क्षण के साक्षी हैं। भगवान राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से समस्त हिंदू समाज मे अपार उत्साह और प्रसन्नता है। मन्दिर निर्माण के लिए तमाम आहुतियां आज सफल हुई है। राम के प्रति समर्पण की आस्था आज दृष्टिगत हो रहा है।
शोभायात्रा इतनी विशाल थी कि उसका आरंभिक सिरा जिला अस्पताल और अंतिम सिरा गुरुद्वारे के पास था। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि स्वतः स्फूर्त समग्र हिंदू समाज सड़क पर आ गया है। क्या बच्चे क्या बुजुर्ग ठंड की परवाह किसी को नहीं थी। 500 वर्षों के संघर्ष के उपरांत और तीन लाख लोगों के बलिदान के उपरांत होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्व होने वाली शोभायात्रा में मातृशक्ति सबसे आगे थी। गायत्री परिवार से जुड़ी हुई मातृ शक्ति एवं पुरुष शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। विभिन्न विद्यालयों की छात्राएं एवं छात्र अपने अभिभावकों के साथ शोभायात्रा में सम्मिलित थे। गोमती मित्र मंडल ,पतंजलि परिवार भी शोभायात्रा सम्मिलित थे। हिंदू समाज के विभिन्न वर्गों के लोग अपनी उपस्थिति से शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। सुल्तानपुर जिले के विभिन्न कोनो से आए हुए साधु संत यात्रा में उपस्थित थे। जो लोग यात्रा में सम्मिलित नहीं थे, वह अपने छतों से पुष्प वर्षा कर अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे थे। यात्रा का मुख्य आकर्षण यात्रा में सम्मिलित झांकियां और बच्चों द्वारा बजाया जा रहा बैंड था। यात्रा का आरंभ भगवान श्री राम के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पार्चन से हुआ। इस शोभा यात्रा में विभाग प्रचारक प्रकाश जी, जिला प्रचारक आशीष जी, विभाग संघ चालक डॉ ए के सिंह यात्रा में शामिल थे,इसके अलावा जिले भर के बहुत से जनप्रतिनिधि और समाज के प्रबुद्ध नागरिक शामिल रहे।