नीतीश के तीर ने लालटेन को बुझाकर खिलाया कमल

प्रखर डेस्क। कहते हैं कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता और नाही राजनीति में कोई किसी का सगा होता है और ना ही कोई किसी दोस्त या दुश्मन! कब दोस्त राजनीति में दुश्मन हो जाता है, किसी को नहीं पता। बिहार की राजनीति में कुछ ऐसा ही माजरा इन दोनों पिछले 72 घंटे से चल रहा है। अब बिहार की मौजूदा सरकार समाप्त हो चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफा के साथ लाल यादव की पार्टी व नीतीश के बीच गठबंधन समाप्त हो चुका है। अब यूं कहें तो नीतीश के तीर ने लालटेन को बुझाकर कमल खिला दिया है। मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश बीजेपी विधायकों और जदयू विधायकों के साथ बैठक करेंगे ।जहां पर यह मसौदा तैयार किया जाएगा कि नीतीश के मुख्यमंत्री के बाद कौन-कौन मंत्री होंगे और किसके कोटे में कौन सा मंत्रालय जाएगा। सूत्र के अनुसार भाजपा चाहती है कि दो उपमुख्यमंत्री हो, लेकिन नीति सिर्फ एक उपमुख्यमंत्री पर ही राजी हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि नीतीश शाम को 4:00 बजे विधायक दल की बैठक के बाद विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपेंगे। जहां पर 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और उनकी नैया अब बीजेपी के साथ आगे बढ़ने लगेगी। वही महागठबंधन से भी नीतीश का नाता टूट चुका है। अब नीतीश बीजेपी के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारी में भी जुड़ चुके है। कयास लगाए गए हैं कि नीतीश की लोकसभा की सीटों को लेकर भी कई डील हुई है। नीतीश के 9वीं बार सीएम बनने के शपथ ग्रहण समारोह में गृह मंत्री अमित शाह व राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के भी पहुंचने की उम्मीद है।