उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को भड़की हिंसा के बाद आज सुबह-सुबह 6 की मौत, मुख्यमंत्री ने संभाला मोर्चा

लगा कर्फ्यू इंटरनेट बैन

प्रखर डेस्क। उत्तराखंड का हल्द्वानी शहर हिंसा की आग में जल रहा है, क्योंकि मदरसे को गिराने से लोग भड़क गए। विवाद ने गुरुवार को खूनी संघर्ष का रूप ले लिया था। इसके बाद बनभूलपुरा इलाके में हिंसा की जो आग सुलगी, उसमें शुक्रवार सुबह तक 6 लोगों के मारे जाने की खबर है, लेकिन अभी तक शहरी प्रशासन द्वारा मौतों की पुष्टि नहीं की गई है। वहीं बनभूलपुरा में तनाव का माहौल देखते हुए पुलिस फोर्स और ITBP तैनात कर दी गई है। धारा 144 लागू है। कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट सस्पेंड है। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ हल्द्वानी में हालातों की समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने लोगों ने शांति बनाए रखने की अपील की है।हल्द्वानी में इस समय पूरी तरह लॉकडाउन जैसे हालात हैं। शहर और आस-पास के इलाकों में स्कूल तक बंद करा दिए गए हैं। लोगों को इमरजेंसी की हालत में ही बाहर आने-जाने की परमिशन मिलेगी। मुख्यमंत्री धामी ने खुद मोर्चा संभालते हुए पुलिस और प्रशासन अधिकारियों को शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि हिंसा भड़काने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं करने देंगे। बता दें कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में हिंसा की चिंगारी उस समय भड़की, जब नगर निगम का अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा था। नगर निगम ने शहर में बने एक मदरसे को अवैध करार देते हुए उस पर बुलडोजर चला दिया। नमाज पढ़ने के लिए बनाई जा रही इमारत को भी ढहा दिया। यह देखकर इलाके के लोग भड़क गए और उन्होंने नगर निगम की टीम पर हमला कर दिया। बनभूलपुरा थाने को घेरकर पथराव किया गया। पुलिस की गाड़ियां जला दी गईं। उपद्रवियों ने ट्रांसफार्मर में आग लगा दी, जिससे इलाके में बिजली गुल हो गई। पुलिस ने उपद्रवियों को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। हल्का बल प्रयोग किया, लेकिन इस दौरान उपद्रवियों द्वारा किए गए पथराव में करीब 100 पुलिस वाले घायल हो गए। पूरे घटनाक्रम में 300 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। इस दौरान गोलीबारी भी हुई।बता दें कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा में मदरसे और मस्जिद पर बुलडोजर अदालत के आदेश पर चलाया गया। नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय के अनुसार, मदरसा और नमाज स्थल अवैध तरीके से बनाया गया था। अतिक्रमण स्थल के पास वाली 3 एकड़ जमीन पर नगर निगम ने पहले कब्जा कर लिया था। मदरसे और नमाज स्थल सील था, जिस पर गुरुवार को कब्जा किया गया। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा की अगुवाई में की गई। इस दौरान घटनास्थल पर सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा भी मौजूद थे, लेकिन मामला अब उत्तराखंड हाईकोर्ट पहुंच गया है। गुरुवार को मस्जिद और मदरसा ढहाए जाने के खिलाफ मलिक कॉलोनी निवासी साफिया मलिक और अन्य द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को राहत नहीं दी। अब याचिका पर सुनवाई 14 फरवरी को होगी।