स्कूल के बगल में जहर उगल रहे भट्ठे पर हाई कोर्ट सख्त अधिकारी लीपा पोती में जुटे

-प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुमति के बगैर संचालन

-कोर्ट के आदेश के बाद भी अधिकारियों की नहीं टूटी नींद

प्रखर वाराणसी। प्रदेश सरकार के लाख दावे के बाबजूद जीरो टॉलरेंस की नीति पर उसके ही अधिकारी पानी फेरते रहते हैं। मामला वाराणसी के बड़ागांव क्षेत्र का है जहां अवैध रूप से संचालित हो रहे भट्टे पर समाजसेवी द्वारा आपत्ति किया गया है और इस मामले में कोर्ट ने भी संज्ञान लिया बावजूद इसके अभी भी वह भट्ठा खुलेआम जहर उगल रहा है जिसके कारण स्थानीय नागरिकों को तमाम स्वास्थ्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । इस पूरे प्रकरण में संबंधित अधिकारी और जनप्रतिनिधी आंख बंद करके सोए हुए हैं। गौरतलब है कि वाराणसी जनपद ही नही पूरे प्रदेश में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एनओसी के बगैर ही सैकड़ो ईट भठ्ठे संचालित होते हैं। लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। बता दें कि वाराणसी के एक भट्टे के मामले में हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अभी तक नहीं जगा है। जानकारी के अनुसार विष्णु देव सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट ने वाराणसी जनपद के पिंडरा तहसील अंतर्गत आने वाले थाना फूलपुर के तहत बरही नेवादा में जियुत लाल यादव व संत लाल यादव के द्वारा संचालित ओम श्री सद्गुरु ईट उद्योग पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देशित किया है। लेकिन प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी इस पर अभी तक चुप्पी सादे हुए हैं। बताते चलें कि विष्णु देव सिंह द्वारा 15 जून 2023 को जन सूचना के तहत जानकारी मिली कि उक्त ईट भट्टे का अभिलेख प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वाराणसी कार्यालय में उपलब्ध ही नहीं है। जिन दो बिंदुओं पर उनके द्वारा जन सूचना मांगी गई थी, उसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने साफ तौर पर लिखकर भेजो कि कार्यालय के अभिलेख में उक्त ईट भठ्ठे को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र या किसी प्रकार का सहमति पत्र निर्गत नहीं किया गया है। बडा सवाल यह है कि उसके बाद भी उक्त भट्ठा कैसे संचालित होता रहा। जिसके बाद जन सूचना कार्यकर्ता ने अपनी याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की। जहां पर हाईकोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सख्त फटकार लगाते हुए कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।