साहब, मैं जिंदा हूं मुझे छू कर देख लीजिए!

प्रखर डेस्क। साहब, मैं जिंदा हूं। आप चाहें तो मुझे छूकर भी देख लें। मैं साक्षात आपके सामने खड़ी हूं। आपके कर्मचारियों ने मुझे कागजों में मृत घोषित कर दिया है। यह वक्तव्य उस पीड़ित महिला का है जिसे सरकारी कर्मियों ने मृत घोषित कर दिया है। और महिला पिछले कई महीनों से खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटक रही है। पूरा मामला सोनभद्र जिले के घोरावल के कोरट गांव निवासी 72 वर्षीय महिला की यह बातें सुन डीएम समेत तमाम अधिकारी सन्न रह गए। भौंचक डीएम ने तत्काल समाज कल्याण अधिकारी को तलब किया और पूरे मामले की रिपोर्ट तलब करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया। दरअसल, कोरट गांव निवासी फुलेशरी देवी वृद्धा पेंशन की लाभार्थी रही हैं। करीब दो वर्ष पहले अचानक उनकी पेंशन बंद हो गई। संक्रमण कारण वह घर से बाहर नहीं निकल सकीं। जिससे उन्हें इसकी जानकारी नहीं हुई। पिछले महीने जब उन्होंने पेंशन बंद होने का कारण जानने ब्लॉक पर संपर्क किया तो पता चला कि कागज में वह दो साल पहले ही मर चुकी हैं। जद्दोजहद शुरू की तो हर कोई प्रमाण के लिए दस्तावेज मांगने लगा। शनिवार को डीएम संपूर्ण समाधान दिवस में घोरावल पहुंचे तो वह प्रार्थना पत्र लेकर उनके सामने हाजिर हो गईं।
उन्होंने हाथ जोड़कर व्यथा बताई। डीएम अभिषेक कुमार सिंह ने तत्काल समाज कल्याण अधिकारी को बुलाया। हिदायत दी कि तत्काल सत्यापन में की गई गड़बड़ी को सुधारते हुए वृद्धा की पेंशन चालू करें। उन्होंने लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।