ग़ाज़ीपुर- स्वास्थ्य विभाग और आबकारी विभाग की संयुक्त बैठक हुई सम्पन्न

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प्रखर ब्यूरो ग़ाज़ीपुर। आजमगढ़ के फूलपुर में जहरीली शराब पीने से हुई मौत के बाद शासन ने इसे गंभीरता से लिया है। जिसके लिए अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने समस्त जिलाधिकारी एवं समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ ही समस्त जिला पुरुष, महिला चिकित्सालय के अधीक्षकों को पत्र भेजा है, जिसमें विषाक्त मदिरा के सेवन से बीमार व्यक्तियों के आपातकालीन इलाज हेतु प्रोटोकॉल जारी किया गया है। जिसको लेकर गुरुवार को जिला अस्पताल के सभागार में आबकारी विभाग और स्वास्थ्य विभाग की एक संयुक्त बैठक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य किन्हीं परिस्थितियों में जहरीली शराब का सेवन करने के बाद गंभीर हुए मरीजों को किस तरह से इलाज करना और उन्हें कैसे पास के स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाना है। इसको लेकर यह बैठक किया गया है ताकि इस तरह की आपात स्थिति में लोगों की जान बचाई जा सके। विषाक्त मदिरा का सेवन करने वाले व्यक्ति के लक्षण में बेहोशी, झटके आना, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी, पेट दर्द और आंखों से कम दिखना हो सकता है। डॉ. सुजीत मिश्रा ने बताया कि विषाक्त मदिरा का सेवन करने वाले व्यक्ति को यदि 4 घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचा दिया जाए और उसकी पेट की सफाई समय से कर दिया जाए तो उसे बचाया जा सकता है। डॉ. नारायण पांडे ने बताया कि विषाक्त शराब का सेवन किया हुआ व्यक्ति को घटनास्थल से पास के स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाते समय उसे बाएं तरफ करवट करा कर लेटा दे और उसके सर को शरीर से नीचे रखें ताकि सांस लेने के रास्ते में विषाक्त मदिरा जाने से रोका जाए। यदि ऐसा करते हुए व्यक्ति को पास के स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल पहुंचाया जाए तो उसे आसानी से बचाया जा सकता है। डॉ. तनवीर ने बताया कि विषाक्त शराब का सेवन किए हुए व्यक्ति को उसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए एथनाल जो 15 से 30 मिलीलीटर देकर उसकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि एथनाल लीवर में जाकर विषाक्त शराब के प्रभाव को कम कर देता है। जिला आबकारी अधिकारी वीर अभिमन्यु सिंह ने बताया कि इस बैठक से हमारे विभाग के इंस्पेक्टर और कांस्टेबल को जानकारी मिली है कि यदि इस तरह की घटना जनपद के किसी भी कोने में हो जाती है तो उन्हें पीड़ित व्यक्ति को किस तरह से पास के स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचा कर उसकी जान बचा सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह बैठक शासन के निर्देश पर किया गया है ताकि भविष्य में इस तरह की घटना को रोका जाए।
इस बैठक में डॉ. मृत्युंजय दुबे,, डॉ. के.एन. चौधरी, डॉ. प्रत्युष श्रीवास्तव, डॉ. मजीद, डॉ. मिथिलेश, डॉ. हर्ष नागवंशी के साथ ही आबकारी विभाग के सभी ब्लॉक के निरीक्षक और कांस्टेबल मौजूद रहे।