ग़ाज़ीपुर- यज्ञ एवं हवन से जीव को सुख, शांति एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है- शिवराम दास उर्फ फलाहारी बाबा

प्रखर ब्यूरो भांवरकोल/ग़ाज़ीपुर। क्षेत्र के पलियां गांव के गंगा तट स्थित हनुमान मंदिर पर लक्ष्मी नारायण यज्ञ के दौरान प्रवचन में परमसंत शिवराम दास उर्फ फलाहारी बाबा ने यज्ञ के महत्व पर विधिवत प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्कृति को एक शब्द में समेटकर कहा जाए तो उसका नाम यज्ञ है। यज्ञ से वायुमंडल और पर्यावरण में शुद्धता आती है। संक्रामक रोग नष्ट होते हैं। सह बंधुत्व के सद्भावना का विकास होता है। यज्ञ की पहचान अग्नि है। अग्नि शक्ति, ऊर्जा और सदा ऊपर उठने की प्रेरणा देती है। अग्नि में ताप और भाप दोनों छुपा होता है। यज्ञ में जलती हुई अग्नि ईश्वर का रूप होती है। अग्नि का मुख ईश्वर का मुख होता है। अग्नि में हवन करना सही मायने में ब्रह्म भोज के समान है। औषधियों से बने हुए हवन के माध्यम से पर्यावरण विशुद्ध होता है, जो आज की परम आवश्यकता है। प्रत्येक परिवार को अमावस्या और पूर्णिमा के दिन महीना में दो बार सामूहिक सपरिवार हवन अवश्य करना चाहिए। हवन से सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। जीवन भी एक यज्ञ है। जीवन रूपी यज्ञ में परमार्थ की वेदी पर स्वार्थ की आहुति दी जाती है। विश्वामित्र के यज्ञ को पूर्ण करने हेतु राम लखन को आना पड़ा, राम, लखन ज्ञान और वैराग्य के साक्षात प्रतिमूर्ति हैं। जीवन रूपी यज्ञ में भी राम रूपी ज्ञान और वैराग्य रूपी लक्ष्मण का आगमन अति आवश्यक है। जीवन रूपी यज्ञ को सफल बनाना है मनुष्य योनी का परम लक्ष्य है।
इस मौके पर लक्ष्मण यादव, मिथिलेश यादव, रामनिवास यादव, राजेश यादव, विश्वनाथ राम, राम सिंहासन राय, अश्वनी राय, अखिलेश उपाध्याय, सुनील यादव, रामाशीष यादव, अनिल राय, पुन्नू राय, मुनींद्र नाथ राय आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।