ग़ाज़ीपुर- सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु के लिए रखा वट सावित्री का व्रत

प्रखर ब्यूरो भांवरकोल/गाजीपुर। हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का बहुत महत्व है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला एक कठिन व्रत होता है। हर साल वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को रखा जाता है। आज ग्रामीण क्षेत्र में 30 मई दिन सोमवार के दिन वट सावित्री व्रत रखा गया तथा इसी दिन सोमवती अमावस्या पड़ने से इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। माना जाता है कि सोमवती अमावस्या के दिन पूजा-पाठ, दान, व्रत आदि का कई गुना फल मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन ही बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा यमराज से की थी। उसी दिन से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री का व्रत रखती हैं। माना जाता है कि वट वृक्ष के मूल भाग में भगवान ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और अग्र भाग में भोलेनाथ का वास होता है। इसलिए जो महिला इस दिन विधि-विधान और सच्चे मन से वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती है उसे अखंड सौभाग्य तथा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।