कुंडा राजघराने के बडे राजा उदय प्रताप सिंह ज्ञानवापी प्रकरण में बनेंगे पैरोकार

प्रखर वाराणसी। पिछले कई महीनों से चर्चा में रहे ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर कोर्ट नित नए नए फैसले सुनाता रहता है। इसी को लेकर विश्व वैदिक सनातन संघ लगातार ज्ञानवापी प्रकरण पर अपनी पैरवी करता है। बता दें कि कुंडा प्रतापगढ़ राजघराने के बड़े राजा उदय प्रताप सिंह ने दिल्ली में विश्व बौद्धिक सनातन संघ के संस्थापक/ प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन के आवास पर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की और ज्ञानवापी प्रकरण पर विस्तृत चर्चा की। विस्तृत चर्चा के बाद ज्ञानवापी से संबंधित मुकदमों की पैरवी का दायित्व स्वयं उठाने का निर्णय भी लिया। राजा उदय प्रताप सिंह ने विसेन परिवार को आश्वस्त करते हुए, यह वचन दिया कि ज्ञानवापी का मुकदमा हिंदुओं के पक्ष में आए इसके लिए हर उचित कदम उठाए जाएंगे। किसी को ज्ञानवापी ना तो बेचने दिया जाएगा और ना ही सनातनी हिंदुओं की भावना से किसी प्रकार का खिलवाड़ करने दिया जाएगा। इसी के साथ यह भी निर्णय लिया गया कि ज्ञानवापी प्रकरण को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए वाराणसी जिला न्यायालय, प्रयागराज हाईकोर्ट एवं सर्वोच्च न्यायालय के लिए विद्वान अधिवक्ताओं की टीम सुनिश्चित की जाएगी। सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं की सहमति के बाद नामों की घोषणा कर दी जाएगी। आगे उदय प्रताप सिंह ने कहा कि सनातनी हिंदू समाज को सतर्क एवं सजग रहने की जरूरत है, आने वाले समय में विश्व वैदिक सनातन संघ के द्वारा चलाए जा रहे धर्म युद्ध को और धार देने की आवश्यकता है। जिससे सनातनी समाज में छुपे गद्दारों पर अंकुश लगाते हुए इस्लामिक दुर्भावना से छुटकारा पाया जा सके। वही विश्व सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सिंह ने राजा उदय प्रताप सिंह के निर्णय का खुले दिल से स्वागत किया और कहा कि जो सनातनी समाज अपने आस्था केंद्रों की रक्षा नहीं कर सकता उसका जीना धिक्कार है। हम सनातनी हिंदू आस्था के केंद्रों के लिए लड़ते रहेंगे, भले ही प्राण ही न्योछावर क्यों ना करना पड़े?