टॉप टेन अपराधी आतंक का पर्याय खान मुबारक की मौत पर समर्थकों ने उठाए सवाल, पीड़ितों ने ली राहत की सांस!

प्रखर अंबेडकरनगर /एजेंसी। उत्तर प्रदेश के टॉप टेन अपराधियों में शुमार पूर्वांचल में आतंक का पर्याय रहे खान मुबारक की मौत हो जाने के बाद उसके आतंक से परेशान लोगों के साथ पुलिस ने भी राहत की सांस ली, तो दूसरी तरफ उसके समर्थक दबी जुबान उसकी मौत पर सवाल उठा रहे हैं। बता दें कि खान मुबारक का पैतृक गांव अंबेडकरनगर जिले के हरसम्हार में है। गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्की की कार्यवाही बहुत पहले ही हो चुकी है। कार्रवाई के बाद से ही उसके परिजन पैतृक गांव से पलायन कर चुके थे। हरदोई से उसका शव मंगलवार दोपहर तक उसके पैतृक गांव पहुंचेगा। खान मुबारक हरदोई जेल में करीब 1 वर्ष से बंद था। वर्ष 2017 में लखनऊ एसटीएफ से मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार खान मुबारक जेल में निरुद्ध चल रहा था। एसटीएफ की गिरफ्तारी के बाद खान मुबारक की गुनाहों का पिटारा खुलता गया। इस दौरान माफिया ने अपने कई गुनाहों से पर्दा उठाया। इसके साथ ही वह जेल से भी अपने अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता रहा। कई व्यवसायियों को निशाना बनाकर रंगदारी मांगी आतंक के पर्याय खान मुबारक प्रशासन भी समय-समय पर खान को अन्य जेलों में स्थानांतरित करती रही। खान मुबारक वर्ष 2007 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था और इलाहाबाद में लूट की घटना जार अपने आतंक शुरुआत की थी। उसके बाद से उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। बताया जाता है कि खान मुबारक छोटा राजन गिरोह का शार्प शूटर भी रह चुका है। इसका नाम काला घोड़ा हत्याकांड में सामने आया था। जिसका कबूल नामा खान मुबारक ने एसटीएफ के सामने भी किया था। वर्तमान समय में खान मुबारक पर 45 मुकदमे पंजीकृत थे, जिसमें 35 मुकदमे क्रियाशील है। बीते 2 जून को खान मुबारक आखिरी बार अंबेडकरनगर न्यायालय में पेशी के लिए लाया गया था। बताया जाता है कि उसी समय से खान की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। खान मुबारक का भाई खान जफर सुपारी अंडरवर्ल्ड का डॉन रह चुका है, मौजूदा समय में मुम्बई की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसके समर्थकों को यह विश्वास नहीं हो रहा है कि खान मुबारक कि इस तरह बीमारी के बाद निधन हो जाएगा। वहीं अब उत्तर प्रदेश के टॉप टेन अपराधियों की सूची से एक और नाम मिट चुका है।