कानूनगो और लेखपाल रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

प्रखर कानपुर/एजेंसी । कानूनगो और लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते दबोच लिया. इस गिरफ्तारी के बाद तहसील परिसर में अफरा-तफरी मच गई. दोनों पर मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई। बतादे कि जमीनों की पैमाइश कराने को लेकर अक्सर लेखपाल और कानूनगो की ओर से रिश्वत लेने के मामले सामने आते रहते हैं. शुक्रवार को ऐसा ही एक मामला नरवल तहसील में सामने आया. दो पीड़ितों की शिकायत पर कानपुर एंटी करप्शन टीम तहसील पहुंची. यहां लेखपाल और कानूनगो को पीड़ितों से 10-10 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया. टीम दोनों लोगों पर कानूनी कार्रवाई कर रही है. पीड़ितों को रुपये देकर लेखपाल व कानूनगो के पास भेजा: कानपुर एंटी करप्शन टीम ने दो पीड़ितों की शिकायत के बाद मामले की जांच पड़ताल की. इसके बाद कानूनगो और लेखपाल को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया. जहां दोनों को 10-10 हजार रुपये देकर कानूनगो और लेखपाल के पास भेज दिया. जैसे ही कानूनगो और लेखपाल ने रुपये लिए, वैसे ही टीम ने उन्हें दबोच लिया. एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर मृत्युंजय मिश्रा ने कानूनगो विष्णु स्वरूप के खिलाफ मामला दर्ज कराया. जहां पुलिस इंस्पेक्टर चंद्रभान सिंह ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया. इसके साथ ही दोनों आरोपियों को शनिवार को महाराजपुर और चकेरी थाने से जेल भेजा जाएगा. नरवल तहसील क्षेत्र के चिरला गांव निवासी फरियाद हुसैन ने लगभग 2 माह पहले नरवल तहसीलदार को प्रार्थना पत्र दिया था. इस मामले में नरवल तहसीलदार ने लेखपाल रामबचन मौर्य को जांच कर पैमाइश करने के निर्देश दिए था. फरियाद के बेटे शब्बीर अहमद (30) ने मीडिया से बताया कि वह जब-जब लेखपाल से पैमाइश करने की बात कहते थे. तब-तब उनसे लेखपाल उनसे 15 हजार रुपये देने की मांग करते थे. इसकी शिकायत उन्होंने कानपुर एंटी करप्शन विभाग से कर दी.वहीं दूसरे मामले में पैमाइश कराने के नाम पर कुड़नी निवासी अमन मिश्रा से कुड़नी कानूनगो विष्णु स्वरूप श्रीवास्तव ने 15 हजार रुपये की मांग कर रहे थे. अमन ने भी मामले की शिकायत कानपुर एंटी करप्शन विभाग में की थी. दोनों शिकायतों के बाद एंटी करप्शन टीम ने जांच में शिकायत सही पाए जाने पर डीएम से अनुमति ली. इसके बाद बतौर साक्षी दो लोक सेवकों को साथ लेकर शुक्रवार की दोपहर नरवल तहसील पहुंच गई. यहां पर शब्बीर 10 हजार रुपये लेकर लेखपाल रामबचन मौर्य के पास पहुंचे और अमन कानूनगो विष्णु स्वरूप के पास पहुंच गए. जैसे ही दोनों ने घूस के रुपये हाथों में लिया. उसी दौरान एंटी करप्शन टीन ने दोनों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. टीम के सदस्यों ने लेखपाल को तहसील परिसर स्थित चाय की दुकान के बगल में कार में घूस लेते दबोचा था. जबकि कानूनगो को उनके कार्यालय से ही गिरफ्तार किया गया।