निर्माणाधीन पुल का बीम गिरा, गर्दन बचाने के लिए अधिकारियो द्वारा रातों रात बीम को कटवाकर गायब करवाने की प्रयास

प्रखर बलिया/एजेंसी। जिले में मगई नदी पर 8.15 करोड़ से निर्माणाधीन पुल का बीम गिरने के मामले में सेतु निगम के अधिकारियों ने रात भर अपनी गर्दन बचाने की कोशिश की। रविवार देर रात कई ट्रैक्टरों से मजदूर लाकर 83 फीट लंबे बीम (62 टन) को पांच जगहों से काटकर ले जाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने रोक दिया। सोमवार को ब्रिज कॉरपोरेशन के एमडी राकेश सिंह मौके पर पहुंचे। बीम गिरने को तकनीकी गड़बड़ी बताया और स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही भी माना। कहा कि पुल दिसंबर में तैयार होना था लेकिन अब मार्च तक बनकर तैयार हो पाएगा। बीम गिरने से हुए नुकसान की रिकवरी दोषी अधिकारियों से की जाएगी। घटना का कारण अधिकारियों की लापरवाही रही या फिर परियोजना में किसी तरीके का भ्रष्टाचार किया गया है। इसकी जांच के लिए डीएम ने कमेटी का गठन कर दिया है। नरही में मगई नदी पर 10.46 करोड़ और कथरियां-फिरोजपुर के बीच मगई नदी पर 8.15 करोड़ से पुल का शिलान्यास चार जनवरी 2022 में किया गया था। दोनों पुल टेंडर से पहले प्रकाश कंस्ट्रक्शन को दिया गया। समय से काम शुरू नहीं होने के कारण सेतु निगम ने पुल का निर्माण कार्य स्वयं शुरू कर दिया। कथरियां-फिरोजपुर पुल का निर्माण कार्य फिरोजपुर की तरफ से शुरू कर दिया गया। अब तक 8.15 करोड़ की परियोजना के लिए लगभग छह करोड़ मिल भी चुके हैं। 17 सितंबर को पुल के पहले बीम की ढलाई की गई थी। इसकी शटरिंग रविवार को खोली गई। शटरिंग हटाने के दो घंटे बाद 83 फीट लंबा बीम (62 टन) दोनों पायों से खिसक कर जमीन पर गिर गया। गनीमत रही कि उस समय कोई मजदूर वहां नहीं था। अन्यथा बड़ा हादसा हो गया होता। घटना के बाद विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंच गए। अपनी गर्दन बचाने के लिए रविवार की रात 10 बजे पांच ट्रैक्टरों पर सवार 40 की संख्या में मजदूर लाए। बीम को पांच जगह से काटकर हटाने के लिए बहुत प्रयास किया, लेकिन नहीं काट पाए। तब तक ग्रामीण भी पहुंच गए और ऐसा करने से रोक दिया। सोमवार सुबह काम करने वाले मजदूर भी ताला लगाकर गायब हो गए। दोपहर में फिरोजपुर गांव पहुंचे एमडी ब्रिज कारपोरेशन लखनऊ राकेश सिंह, तकनीकी सलाहकार एके सिंह, मुख्य परियोजना प्रबंधक दिनेश कुमार, आरके मिश्रा सीडी, जेई सीपी सिंह ने मौका मुआयना किया। राकेश सिंह ने बताया कि बीम गाडर बेयरिंग पर रखा तो गया था, लेकिन लॉक नहीं किया गया था। इस वजह से बीम गिर गया है। ये तकनीकी गड़बड़ी है। इसमें भ्रष्टाचार का मामला नहीं है। इसके लिए इंजीनियर ही जिम्मेदार हैं। पांच लाख से अधिक का नुकसान हुआ है। इसकी रिकवरी भी कराई जाएगी। पुल दिसंबर में तैयार होना था, लेकिन अब निर्माण कार्य मार्च तक पूरा हो पाएगा। नरहीं गांव में बन रहे दूसरे पुल पर दरार की शिकायत पर कहा कि यदि ऐसा होगा तो इस पर भी कार्रवाई की जाएगी। कथरियां फिरोजपुर पुल से बीम गिरने के बाद यह चर्चा होती रही कि इतनी बड़ी तकनीकी गड़बड़ी कैसे हो गई। पुल निर्माण कार्य में अधिकांश मजदूर कोलकाता के होते हैं। नरही में बन रहे पुल पर भी कोलकाता के मजदूर काम कर रहे हैं, लेकिन फिरोजपुर पुल निर्माण में इधर उधर से मजदूर इकठ्ठा कर निर्माण कार्य कराया जा रहा था।