मुख्तार अंसारी को हॉस्पिटल से मिली छुट्टी, बांदा जेल शिफ्ट!

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संपर्क नहीं हो पाया : अफजाल अंसारी

प्रखर बांदा/एजेंसी। पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को इलाज के बाद मंगलवार शाम बांदा जिले के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज से छुट्टी दे दी गई, जिसके बाद उसे वापस जेल भेज दिया गया. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील कौशल ने बताया कि अंसारी को पेट दर्द, अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते सुबह करीब पौने चार बजे भर्ती कराया गया था. इलाज पूरा होने के बाद शाम करीब पौने छह बजे अंसारी को आईसीयू से छुट्टी दे दी गई. अंसारी बांदा की जेल में सजा कटा रहा है. इससे पहले दिन में, मुख्तार के सांसद भाई अफजाल अंसारी ने कहा था कि उनके भाई ने उन्हें खाने दो बार जहर दिए जाने का दावा किया है. मुख्तार के भाई एवं गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने बताया कि आज तड़के उन्हें मोहम्मदाबाद थाने से एक संदेश प्राप्त हुआ जिसमें उन्हें बताया गया कि मुख्तार की तबीयत खराब है और उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. अंसारी ने मंगलवार को दिन में बांदा मेडिकल कॉलेज पहुंचने के बाद बातचीत में कहा था कि मुख्तार आईसीयू में भर्ती है और होश में है. अंसारी के मुताबिक, मुख्तार ने उन्हें बताया है कि उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ खिलाया गया है और ऐसा दूसरी बार हुआ है. उन्होंने कहा कि मुख्तार ने उन्हें बताया कि करीब 40 दिन पहले भी उसे जहर दिया गया था और अभी हाल ही में शायद 19 या 22 मार्च को फिर दिया गया है जिसके बाद से उसकी हालत खराब है. अस्पताल में मुख्तार से मिलने पहुंचे उनके बेटे उमर अंसारी ने आरोप लगाया कि मुलाकातियों की सूची में उनके चाचा सांसद अफजाल अंसारी के साथ उनका नाम होने के बावजूद उन्हें अपने पिता मिलने नहीं दिया गया. उमर ने कहा कि वह रोजा रखकर 900 किलोमीटर दूर से अपने पिता को देखने आए थे लेकिन उन्हें उनकी एक झलक तक नहीं लेने दी गई. उन्होंने कहा, ‘सारी चीजें अलग हैं लेकिन मानवता भी तो कोई चीज होती है.’ इस बीच, पुलिस महानिदेशक (कारागार) ऑफिस से जारी एक बयान में बताया गया कि बंदी मुख्तार अंसारी की तबीयत रात में अचानक खराब हो जाने तथा शौचालय में गिर जाने के कारण तत्काल जेल डॉक्टर ने उनका इलाज किया और जिला प्रशासन को सूचित कर डॉक्टरों की टीम बुलाई गई, जिसने बंदी को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. बयान के मुताबिक रात में ही बंदी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कॉलेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था. सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि मुख्तार से मुलाकात के लिये बांदा रवाना होने से पहले उन्होंने सीएमओ में फोन किया था लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर में होने की वजह से उनसे संपर्क नहीं हो पाया. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में फोन करने का मकसद यह गुजारिश करना था कि बांदा मेडिकल कॉलेज में अगर उपचार की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो तो मुख्तार को लखनऊ के मेदांता अस्पताल या किसी अन्य बड़े चिकित्सालय में भर्ती कराया जाए और अगर सरकार इलाज का खर्च नहीं उठा सकती तो परिजन यह खर्च वहन कर लेंगे. मऊ से कई बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी को विभिन्न मामलों में सजा सुनाई गई है और वह इस वक्त बांदा की जेल में बंद है. मुख्तार अंसारी पर उत्तर प्रदेश, पंजाब, नई दिल्ली और कई अन्य राज्यों में लगभग 60 मामले लंबित हैं.