ग़ाज़ीपुर- एहसास यह होता है दौरे तबाही शीशे की अदालत में पत्थर की गवाही

प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। हिन्दी पत्रकारिता दिवस 30 मई को गाजीपुर पत्रकार एसोसिएशन के तत्वावधान में जिला पंचायत सभागार में गनाया गया। कार्यक्रम का शुम्भारंभ मुख्य अतिथि डा. आनन्द सिंह द्वारा माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। मुख्य अतिथि अपने उद्बोधन मे बताया कि गाजीपुर पत्रकार एसोसिएशन एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखने वाली संस्था है, जिसमें लोकतंत्र के तहत चुनाव कराकर पदाधिकारियों का चयन होता है, इसलिए पत्रकारिता यहां कायम रहेगी और सभी पत्रकारों के समस्याओं का समाधान होता रहेगा। अगले क्रम में डा. सानन्द सिंह ने गोष्ठी का विषय आज के परिवेश में पत्रकारिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की पत्रकारिता बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है। लेखनी और समाज के बीच सामंजस्य स्थापित करना किसी चुनौती से कम नहीं है। अगले क्रम में डा. डी.पी. सिंह ने बताया कि पत्रकारिता से पत्रकारों को जीवन यापन करना काफी कठिनाइयों भरा है। जब तक यह अपने समस्याओं से उबर नहीं पाते तब तक उनकी लेखनी कठिनाइयों की दौर गुजरती रहेगी। अगले क्रम में समाजसेवी ब्रजभूषण दूबे ने कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता अब सोशल मीडिया पर आधारित हो चुकी है। अब लोग अपने खबरों के लिए अखबार नहीं खोजते अब मोबाइल पर ही सोशल मीडिया व यू.ट्यूब के माध्यम से समाचार घर बैठे बैठे ही मिल जाता है। आज जरूरी है कि जो स्थानीय पत्रकार के खबरों से बड़े अखबारों व टी.वी. चैनलों की सुर्खिया बनती है उन्हीं अखबारों एवं टी.वी. चैनलों के पत्रकार आर्थिक संकट से जूझना पड़ता है। पत्रकारों को अपनी आम दिनचर्या व खर्चाें का वहन करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है इसलिए आज जरूरी है कि पत्रकारों को आर्थिक तरीके से मजबूत किया जाना बहुत जरूरी है। अगले क्रम में जिला पूर्ति अधिकारी व साहित्यकार निर्मलेन्दु जी ने बताया कि हिन्दी पत्रकारिता उदंण्ड मार्तण्ड अखबार से प्रारम्भ होकर आज के दौर में सेोशल मीडिया तक पहुॅच चुकी है। हिन्दी का विस्तार बहुुत हुआ है। अपने उदबोधन में महामना मदन मोहन मालवीय और रामवृक्ष बेनीपुरी, मुंशी प्रेमचन्द जैसे साहित्यकारों का पत्रकारिता में अकल्पनीय योगदान को सराहा और महामना मदन मोहन मालवीय के पत्रकारों के लिए मानदेय देने की वकालत की थी। तभी से पत्रकारों ने आज तक इस मांग को लेकर पत्रकारों मे आवाज उठती रही है। लाला लाजपत रायए बालगंगाधर तिलकए गणेश शंकर विद्यार्थी देश और समाज के लिए पत्रकारिता के बलबूते अपनी लेखनी के दम पर जो समाज सुधार का कार्य किये और समाज को एक दिशा देनेे का कार्य किये, वह आज भी समाज मेें कायम है। पत्रकारिता महाभारत के दिव्यदृष्टा संजय की तरह न होकर कृष्ण की तरह समाज सुधारक होना चाहिए। हम खबर परोस देते है और समाज में उसका क्या असर पड़ता है इस पर भी ध्यान केन्द्रित रखकर समाचार का प्रसारण किया करे। अगले क्रम में पत्रकारिता जगत से जुड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म भड़ास फार मीडिया के सम्पादक जसवन्त सिंह ने आज के परिवेश मेें पत्रकारिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्थानीय पत्रकार के समाचार के बूते ही बड़े.बड़े अखबार पर मीडिया घराना सुर्खियों में बना रहता है। इन्हीं खबरों के बलबूते पर ही पत्रकार अपना सब कुछ न्यौछावर कर देता है और जब अपने ही लिखे समाचारों पर विवाद खड़ा हाता है तो यही मीडिया घराना उससे अलग होकर पत्रकार से अपना पल्ला झाड़ देता है, तो फिर पत्रकार अपने बलबूते लड़ाई लड़ने को बाध्य हो जाता है। एक अजीब विडम्बना है कि जिनके लिए हम काम करते है विपत्तियों में हमारा साथ छोड़ देते है और हम फिर अपनी लड़ाई आम नागरिको की तरह लड़ने को मजबूर हो जाते है। वही बूकर अवार्ड विजेता गीतांजली श्री पर भारत सरकार या प्रदेश सरकार द्वारा अब तक कोई क्रिया व प्रतिक्रिया व्यक्त न करने पर सरकार की भत्र्सना की। इसके साथ ही आज के दौर में मीडिया घराना के बड़े अखबार व टी.वी. चैनल के समाचार को महत्व न देते हुए सोशल मीडिया को समाचार के क्षेत्र मेें एक बड़ा प्लेटफार्म बताया जो आज के दौर की समाचार को लेकर आवश्यकता बनी हुई है। अन्तिम प्रवक्ता के रूप में जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कृपाशंकर राय ने कहा कि जिले में कहीं भी पत्रकारों का उत्पीड़न यदि होता है या इस तरह का कोई मामला पाया जाता है तो उसे हमारे संज्ञान में तत्काल लाया जाए, जिसे पत्रकारेां का उत्पीड़न की कार्रवाई पर तुरन्त रोक लगायी जायेगी एवं दोषियों को सजा दिलाया जायेगा। हमारी आजादी में इन पत्रकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इस कार्यक्रम में मंचासीन अतिथि डा. आनन्द, डा. डी.पी. सिंह, डा. सानन्द सिंहए साहित्यकार निर्मलेन्दु जिलापूर्ति अधिकारी व जसवन्त सिंह को संरक्षक अशोक श्रीवास्तव व अध्यक्ष विनोद पाण्डेय ने संयुक्त रूप से स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर पत्रकार अनिल उपाध्याय, विनय कुमार सिंह, चन्द्र कुमार तिवारी, पवन श्रीवास्तव, बिनोद गुप्ता, संजय सिंह प्रदीप शर्मा, नीतिश सिंह, अभिषेक सिंह, शिवप्रताप तिवारी, विक्की, अजय राय बबलू, वेदू, राममनोज त्रिपाठी, पंकज त्रिपाठी, सुधीर प्रधान, इन्द्रासन यादव, सुमन्त सकरवाल, शिवकुमार, रमेश, सुनील, रविकान्त, आशुतोष त्रिपाठी, शशिकान्त, अनिल, सुशील उपाध्याय, विवेक चौरसिया, बृजेश राय, दुर्गविजय सिंह, प्रमोद सिन्हा, रामजन्म, भुवन जायसवाल, अविनाश सिंह, विनय यादव, राजू उपाध्याय, मुमताज अन्सारी, अमरजीत, आरिफ आदि पत्रकार उपस्थित रहे।