मुख्यमंत्री का ओएसडी बताकर 100 से अधिक पुलिस वालों से वसूली करने वाला अजय मिश्र पकड़ा गया


प्रखर एजेंसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ओएसडी बताकर उत्तर प्रदेश के सौ से अधिक अफसरों से उनकी शिकायत मिलने और कार्रवाई की धमकी देकर वसूली करने के आरोपी को एसटीएफ ने शुक्रवार को दबोच लिया। आरोपी अजय मिश्रा उर्फ अरविंद मिश्र के खिलाफ कई जिलों में पीड़ितों ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी फरवरी 2021 में कौशांबी और बाद में औरैया के विधूना से जेल गया था। जून 2021 में वह जमानत पर बाहर आया था। एसटीएफ ने उन जिलों की पुलिस को सूचना दे दी है, जहां इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। एसटीएफ यह भी पता कर रही है कि किन अफसरों से वसूली की गई है। एसटीएफ को अभी पूरा ब्योरा नहीं मिल सका है। अरविंद ने कुबूल किया कि 2003 में जूनियर हाईस्कूल अमेठी में अपने असली नाम अजय मिश्रा के नाम से परीक्षा दी थी। इसमें फेल हो गया था। वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर उसने ठगी की। इसमें जेल जाना पड़ा। जेल से छूटने पर उसने जूनियर हाईस्कूल अमेठी के प्रधानाध्यापक को रुपये देकर वर्ष 2016 में उसी साल का आठवीं पास का प्रमाण पत्र बनवा लिया। टीसी में इस बार अपना नाम अरविंद मिश्र लिखा लिया था। इससे ही वर्ष 2018 में रणवीर रणंजय इंटर कॉलेज अमेठी से हाईस्कूल की परीक्षा पास कर ली थी। इसके बाद ही उसे बदले नाम का प्रमाण पत्र भी मिल गया था। एसटीएफ के मुताबिक अरविंद ने सूचना विभाग से जारी होने वाली डायरी से अफसरों के नम्बर लिये थे। इसके बाद ही वह इनके सीयूजी नंबर पर फोन करता था। फिर शिकायत मिलने की बात कहकर डराता था। लखनऊ के हजरतगंज, बहराइच के नगर कोतवाली, औरैया विधूना, कौशांबी के मंझनपुर, हरदोई के बेनीगंज, देवरिया सदर कोतवाली, बलरामपुर उतरौला, जालौन के उरई, पीलीभीत के पूरनपुर में अरविंद उर्फ अजय मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हैं।