निजी कंपनी के भुगतान के विवाद में काशी के घाटों की साफ़- सफाई चरमराई, सुपरवाइजर सहित संबंधित मौन

नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों से बात करके समस्या का समाधान कराया जाएगा- नवनिर्वाचित महापौर अशोक तिवारी

प्रखर वाराणसी। वाराणसी नगर निगम ने अपना नया महापौर चुन लिया है। लेकिन व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं है, व्यवस्था जस की तस बनी हुई है। नये महापौर के पहले जिस तरह परेशान थी, अभी भी उसी तरह की परेशान है। बता दें कि वाराणसी नगर निगम काशी के गंगा घाटों की सफाई के लिए टेंडर निकाल कर निजी कंपनियों को देता है। लेकिन नगर निगम के भष्ट अधिकारी व कर्मचारी भ्रष्टता में इतने लीन है कि निजी कंपनी का भुगतान रोक कर आए दिन बेवजह परेशान करते हैं और उनके ऊपर तरह-तरह के दबाव भी बनाते हैं गंगा घाटों की सफाई करने वाली निजी कंपनी को पिछले कई महीनों से भुगतान न होने के कारण कंपनी अपने कर्मियों को वेतन नहीं दे पा रही है । निजी कंपनी के कर्मियों का कहना है कि पिछले कई महीनों से हमें तनख्वाह नहीं मिली है हम और हमारे परिवार के लोग भूखे मर रहे हैं। भूखे पेट कैसे साफ सफाई होगी! बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार जब घाटों की साफ-सफाई निरंतर निजी कंपनी कर रही है तो आखिर किन कारणों से कंपनी को भुगतान नहीं किया जा रहा है। उक्त सवाल पर नगर निगम के सुपरवाइजर व अन्य कर्मी जवाब देने से कतराते नजर आ रहे हैं। वहीं निजी कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम की तरफ से उनको पिछले कई महीनों से पेमेंट नहीं किया गया। जिसकी वजह से हम कर्मचारियों का पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं। बताया गया कि करीब 3 महीने का पेमेंट नगर निगम द्वारा नहीं किया गया, जिसकी वजह से हम अपने सैकड़ों कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रहे हैं। वही का घाट पर घूमे वालों व वहां पर पूजा पाठ कराने वाले पंडितों के बीच गंदगी को लेकर काफी रोष व्याप्त है। उक्त मामले में नगर निगम के कर्मचारी व अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते नजर आए। साफ सफाई के मामले में नवनिर्वाचित महापौर अशोक तिवारी से प्रखर पूर्वांचल ने बात की उन्होंने कहा कि साफ-सफाई को लेकर मैंने सख़्त निर्देश दिए हैं। इसके अलावा निधि कंपनी के भुगतान न करने के मामले में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक मुझे इसकी खास जानकारी तो नहीं है, लेकिन मैं इस पर जल्द ही नगर निगम के कमिश्नर व अधिकारियों से बात करता हूं। जिससे निजी कंपनी को भुगतान हो सके और सफाई कर्मियों को सैलरी मिल सके।