जिस महादेव ऐप से छत्तीसगढ़ की चली गई थी सरकार, उसका कर्ताधरता दुबई में हाउस अरेस्ट जल्द आएगा भारत!

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प्रखर एजेंसी। आपमें से अधिकतर लोग महादेव ऑनलाइन बेटिंग एप के नाम से परिचित जरूर होंगे। इस ऐप के प्रमोटरों में से एक सौरभ चंद्राकर को दुबई में हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। इसे लेकर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) समेत भारतीय एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। वे उसे भारत लाने के प्रयास में जुट गई हैं। ईडी करोड़ों रुपये के इस मनी लॉन्ड्रिंग केस में चार्जशीट फाइल करने की तैयारी में हैं। बता दें कि पिछले हफ्ते पहले महादेव एप के एक अन्य प्रमोटर रवि उप्पल को इंटरपोल की तरफ से रेड नोटिस जारी करने पर दुबई में स्थानीय अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया। चंद्राकर के हाउस अरेस्ट होने की जानकारी संघीय एजेंसी को दे दी गई है। भारतीय एजेंसियां अब राजनयिक चैनलों के जरिए चंद्राकर और उप्पल के निर्वासन और प्रत्यर्पण को लेकर प्रयास तेज कर दिए हैं। यह मनी लॉन्ड्रिंग और महादेव बुक ऑनलाइन एप की कथित अवैध गतिविधियों की पुलिस जांच के लिए काफी महत्वपूर्ण है। दोनों के छत्तीसगढ़ और अन्य जगहों पर राजनीतिक संबंध भी थे। ईडी ने इस मामले में नवंबर में छत्तीसगढ़ से कैश कूरियर असीम दास और सिपाही भीम यादव को गिरफ्तार किया था। दोनों के खिलाफ एजेंसी एक नया चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। उसने रायपुर में पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की स्पेशल कोर्ट के समक्ष पहली चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में चंद्राकर और उप्पल के साथ कुछ अन्य लोगों को भी नामित किया गया था।
चार्जशीट में चंद्राकर के चाचा दिलीप के बयान का हवाला दिया गया है। दिलीप ने बताया था कि 2019 में दुबई जाने से पहले सौरभ भिलाई में अपने भाई के साथ जूस फैक्ट्री नाम से जूस की दुकान चलाता था। ईडी ने दावा किया कि सौरभ चंद्राकर ने संयुक्त अरब अमीरत (UAE) के रास अल खैमा में इस साल फरवरी में हुई अपनी शादी में करीब 200 करोड़ रुपये खर्च किेए थे। इस दौरान उसने अपने रिश्तेदारों को भारत से लाने के लिए निजी जेट को किराए पर लिया था।ऑनलाइन ऐप के जरिए अवैध सट्टेबाजी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की ईडी के साथ छत्तीसगढ़ और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच भी जांच कर रही है। ईडी के अनुरोध पर इंटरपोल ने चंद्राकर और उप्पल के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया। यह नोटिस कोर्ट द्वारा गैर-जमानती वारंट पर आधारित था। ईडी ने बताया कि इस मामले में अपराध की अनुमानित आय करीब 6000 करोड़ रुपये हैं। एजेंसी ने नवंबर में दावा किया था कि महादेव सट्टेबाजी एप के प्रमोटरों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। हालांकि, बघेल ने इन आरोपों से इनकार किया था। वहीं, दास भी बाद में कोर्ट में अपने बयान से पलट गया। उसने कहा कि उसे एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उसने कभी भी राजनेताओं को नकदी नहीं पहुंचाई थी। ईड ने बताया कि जांच से पता चला कि महादेव ऑनलाइन बुक ऐप का संचालन यूएई से होता है।। एजेंसी के मुताबिक, सट्टेबाजी की आय को विदेशी खातों में भेजने के लिए हवाला का सहारा लिया जाता था। ईडी ने बताया कि कंपनी के प्रमोटर्स भिलाई के रहने वाले हैं।