कॉविड वैक्सीन से न्यूरो, रक्त एवं हृदय संबंधी मामले लगातार बढ़ रहे, 10 करोड़ पर हुए अध्ययन में हुआ बड़ा खुलासा

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न्यूरोलॉजिकल, रक्त और हृदय संबंधी विकार पूरी दुनिया में बढ़े

प्रखर डेस्क। कोविड वैक्सीन पर किए गए अब तक के सबसे बड़े अध्ययन में इससे जुड़े कुछ जोखिमों की पहचान की गई है। न्यूजीलैंड में ग्लोबल वैक्सीन डेटा नेटवर्क (जीवीडीएन) के शोधकर्ताओं ने आठ देशों में कोविड का टीका लेने वाले 9 करोड़ 90 लाख लोगों पर टीके के असर का अध्ययन किया। इस दौरान, उन्होंने लोगों को कोविड वैक्सीन मिलने के बाद की अवधि में 13 विभिन्न चिकित्सीय दशाओं में बदलाव की निगरानी की। यह अध्ययन वैक्सीन्स मैग्जीन में प्रकाशित हुआ है। जीवीडीएन ने दावा किया है कि कोविड वैक्सीन टीके के बाद न्यूरोलॉजिकल, रक्त और हृदय संबंधी चिकित्सकीय स्थितियों में मामूली वृद्धि देखी गई। जिन लोगों को कुछ खास प्रकार के एमआरएनए टीके दिए गए, उनमें मायोकार्डिटिस (हृदय की मांसपेशियों की सूजन) का खतरा अधिक पाया गया। वहीं, कुछ कुछ वायरल-वेक्टर टीकों को मस्तिष्क में रक्त के थक्के बनने के उच्च जोखिम के साथ-साथ गुइलेन-बैरी सिंड्रोम (तंत्रिका संबंधी विकार जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर हमला करती है) की बढ़ती संभावना से भी जोड़ा गया है।वायरल वेक्टर टीकों के अन्य संभावित जोखिमों में रीढ़ की हड्डी के हिस्से की सूजन और वायरल वेक्टर और एमआरएनए टीकों के बाद मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में सूजन जैसी मेडिकल दशाएं शामिल हैं। साथ ही शोधकर्ताओं ने यह भी कहा है कि, सभी टीकों के दुष्प्रभाव होते हैं। यह हमेशा जोखिम/लाभ विश्लेषण पर निर्भर करता है कि आप किस चीज़ से अधिक डरते हैं। टीके के दुष्प्रभाव या स्वयं वायरस, जिसके मस्तिष्क, श्वांस और हृदय संबंधी समस्याओं के रूप में दीर्घकालिक दुष्प्रभाव हो सकते हैं।