होलिका में जल गए राग- द्वेष आज पूर्वांचल में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी होली!

प्रखर डेस्क। होलिका दहन के साथ रंगोत्सव शुरू हो गया। रविवार को लोगों ने होलिका दहन में राग-द्वेष दहन कर दिया। होलिका के फेरे लेकर परिवार से सभी प्रकार के कष्ट दूर करने की होलिका से प्रार्थना अब आज रंग बरसेगा। होली की मस्ती शाम ढलने के साथ ही चरम पर पहुंच गई। जगह-जगह पतंगों, गुब्बारों और पुतले से सजी होलिका के पास युवा व बच्चे उत्साह के साथ एकत्रित हुए। होलिका दहन के साथ ही रंग की मस्ती शुरू हो गई। घर-आंगन से होलिका दहन स्थल तक होली की धूम दिखाई दी। रात 11:13 बजे के बाद घरों से पूजा का थाल सजाकर लोग होलिका पूजन को निकले। पूजन के साथ उपले होलिका को समर्पित किए। वाराणसी सहित पूर्वांचल के तमाम जिलों में होलिका दहन शांतिपूर्ण ढंग से होलिका की पूजा करके लोगों ने होलिका जलाई और राग द्वेष छल कपट से दूर होकर होलिका दहन के बाद आज होली हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। वाराणसी शहर के तमाम जगहों पर भोजूबीर, पहड़िया, पांडेपुर, रथयात्रा, लंका, दुर्गाकुंड, भेलूपुर, बीएचयू, चांदमारी, मीरपुर बसई सहित दर्जनों जगहो पर होलिका जलाई गई। घर-घर गुझिया व पकवान का स्वाद भी खूब लिया गया। पर्यावरण को ध्यान में रखकर कंडे वाली होलिका का दहन भी कई जगहों पर किया गया। पर्यावरण संरक्षण अभियान के तहत प्रदूषण रहित, पर्यावरण हितैषी गाय के गोबर से बने कंडों की होलिका लगाई गई। यहां गन्ने की सूखी हुई भूसी, देसी घी, हवन सामग्री युक्त होलिका का दहन किया गया। लोगो ने कहा कि कंडे वाली होली जलाने से कुटीर उद्योग को भी बढ़ावा मिलता है, पर्यावरण भी शुद्ध होता है।