पिछले तीन वर्षों में जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से आतंकी घटनाओं व घुसपैठ में कमी आई,गोलाबारी बढ़ी- गृह मंत्रालय

प्रखर एजेंसी। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जारी है। राज्यसभा में गृह मंत्रालय ने जानकारी दी कि पिछले 3 सालों के दौरान, जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से आतंकी घटनाओं और घुसपैठ की कोशिशों में उल्लेखनीय कमी आई है। हालांकि, पिछले 3 वर्षों के दौरान सीमा पार से गोलाबारी की घटनाएं बढ़ी हैं। इससे पहले गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में लिखित जवाब में पिछले दो वर्षों के दौरान पड़ोसी देशों से घुसपैठ की संख्या की जानकारी दी। इस दौरान भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर 61, भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर 1045, भारत-नेपाल बॉर्डर से घुसपैठ की 63 घटनाएं सामने आई हैं। वहीं भूटान, म्यांमार और चीन से घुसपैठ की कोई घटना सामने नहीं आई है। मंत्रालय ने बताया है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर फेंसिंग लगाने का काम कठिन भू-भाग,नदी और दलदल भूमि,भूमि अधिग्रहण की समस्याओं, सार्वजनिक विरोध और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश द्वारा आपत्तियों आदि के कारण पूरा नहीं हो सका। सरकार नियमित रूप से फेंसिंग के काम की प्रगति की निगरानी कर रही है। बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर नदी की सीमा की रखवाली के लिए फ्लोटिंग बॉर्डर आउट पोस्ट और नावों के साथ कर्मियों को तैनात किया है। शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए किसी भी प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक इमारतों को ध्वस्त नहीं किया जाएगा। परियोजना के पहले चरण में 2022 तक नई संसद तैयार हो जाएगी। गृह मंत्रालय के अनुसार जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा 1990 में स्थापित राहत कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, 44,167 कश्मीरी प्रवासी परिवार पंजीकृत हैं, जिन्हें सुरक्षा चिंताओं के कारण 1990 के बाद से घाटी से जाना पड़ा। इनमें से पंजीकृत हिंदू प्रवासी परिवारों की संख्या 39,782 है।