विवादों से पुराना नाता है गंगापुर परिसर के वर्तमान निदेशक का

– 2009 में महिला उत्पीड़न के एक मामले में किया है खेद व्यक्त

प्रखर वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गंगापुर परिसर के वर्तमान निदेशक के पर वहां की एक महिला शिक्षक द्वारा उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है । जिसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन अभी तक उदासीन बना हुआ है । इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन का रवैया कहीं से भी महिला संरक्षण के लिए कदम उठाता नहीं दिखाई दे रहा है। अब तक इस मामले में पुलिस ने पीड़ित महिला का बयान तक दर्ज नहीं किया है। बता दें कि वर्तमान निदेशक का एक माफीनामा प्रखर पूर्वांचल के हाथ लगा है । मामला 2009 का है जब महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मुख्य परिसर में उनके ऊपर इसी तरह के आरोप लगे थे । जिसमें उन्होंने महिला उत्पीड़न की जांच कमेटी को पत्र लिखकर इस मामले में खेद व्यक्त करते हुए भविष्य में किसी भी तरह की ऐसी किसी हरकत से खुद को दूर रखने की बात कही थी। लेकिन 2020 में एक बार फिर गंगापुर परिसर में उनके ऊपर आरोप लगे हैं । जिससे यह साबित होता है कि निदेशक ने अपने स्वभाव में परिवर्तन नहीं किया है। वर्तमान निदेशक पर समय-समय परअलग अलग तरह के आरोप लगते रहे हैं। इस पत्र के मिलने के बाद सवाल यह खड़ा हो गया है कि आखिर महिला उत्पीड़न के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने तमाम कानूनी प्रावधान बना रखे हैं । लेकिन उसका उपयोग महिला हित में कहीं होता दिखाई नहीं देता है। इस मामले में भी विश्वविद्यालय प्रशासन अब तक मौन साधे हुए हैं जबकि मामला कुलपति से लेकर महिला आयोग तक पहुंच गया है। इस मामले में वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ने ट्वीट करते हुए जल्द से जल्द कानूनी कार्यवाही करने का निर्देश दिया था। लेकिन वाराणसी पुलिस की चुप्पी उसकी कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर रही है।