आनंद गिरि का बड़ा बयान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की हुई है हत्या मेरी भी हो सकती हैं

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प्रखर एजेंसी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में आरोपों में घिरे उनके शिष्य आनंद गिरि का बयान सामने आया है। आनंद गिरि ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या नहीं की है, उनकी हत्या की गई है। महंत ऐसा नहीं कर सकते, उन्हें मारा गया है और मुझे फंसाने की कोशिश हो रही है। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए आनंद गिरि ने कहा कि गुरुजी बहुत बड़ी साजिश का शिकार हुए हैं, असली दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। वे मेरी भी हत्या करवा सकते हैं। आनंद गिरी ने कहा कि गुरुजी ने कभी अपने हाथ से पत्र ही नहीं लिखा था, वो इतना लंबा पत्र लिख ही नहीं सकते। 
आनंद गिरि ने कहा कि मैं हर जांच के लिए तैयार हूं, भाग नहीं रहा हूं, अगर दोषी हूं तो मुझे जरूर सजा मिले। आनंद गिरि ने कुछ लोगों पर उंगली उठाते हुए कहा कि उनके कुछ शिष्यों के पास 5-5 करोड़ के बंगले तक हैं, आखिर ये कहां से आया।  बता दें कि आनंद गिरि का अपने गुरु नरेंद्र गुरु से विवाद हुआ था और उन्होंने महंत पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन कुछ समय पहले ही आनंद गिरि ने मठ पहुंचकर नरेंद्र गिरि के पांव पकड़कर माफी मांगी। उन्होंने कहा था कि मैं अपने अब तक के सभी बयान वापस लेता हूं। इस पर महंत ने उन्हें माफ भी कर दिया था। इसका एक वीडियो भी सामने आया था। 
बताया जा रहा है कि कथित सुसाइड नोट में आनंद गिरि के अलावा दो और लोगों के नाम हैं। इस नोट को वसीयतनामा के रूप में लिखा गया है।  नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत 
बता दें कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि उन्होंने फांसी लगाकर खुदकुशी की है। उनका शव प्रयागराज के अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित उनके आवास में मिला। उनका शव पंखे में लिपटा हुआ मिला था। शिष्यों ने रस्सी काटकर उनका शव नीचे उतारा।  इसकी सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। पुलिस ने सूचना मिलते ही मठ को सीज कर दिया। जिले के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस के मुताबिक, यहां से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप लगाया है। ये पत्र 6-7 पन्नों का है।