फर्जी कागजात के सहारे बिकने जा रहा था एफसीआई का राशन माल सहित पकड़ा गया ट्रक

इसके पहले भदोही में ही एफसीआई गोदाम से 9300 बोरी खाद्यान्न चोरी के आरोप में गोदाम संचालक व अन्य पर मुकदमा भी दर्ज हो चुका है

प्रखर डेस्क। गरीबों का खाद्यान्न एफसीआई गोदाम से निकलकर जा रहा था बिकने रास्ते में पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि बभनौटी भदोही एफसीआई गोदाम से निकला खाद्यान्न एक ट्रक में भरकर बिकने के लिए किसी दुकान पर जा रहा था। इसकी सूचना जब पुलिस को मिली तो तुरंत पकड़ लिया गया। साथ ही यह सूचना जिलाधिकारी और खाद्य निगम के अधिकारियों को भी दी गयी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रंगे हाथ एफसीआई से बिकने जा रहा खाद्यान्न मिर्जापुर के चिल थाना क्षेत्र अंतर्गत पुल के पास पकड़ लिया गया। बता दें कि दो ट्रक खाद्यान्न भदोही के बभनौटी एफसीआई गोदाम से निकलने के बाद ही कुछ ही दूरी पर पकड़ लिया गया । बताते चलें कि इस समय खाद्यान्न एफसीआई गोदाम से निकलने का समय नहीं होता है। जानकारी के अनुसार सरकारी कागज को फर्जी तरीके से बनाकर एफसीआई से खाद्यान्न उठाकर बेचने का यह गोरखधंधा काफी समय से फल फूल रहा था। लेकिन इसकी भनक न तो जिलाधिकारी को थी नाही अन्य किसी अधिकारी को। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या एफसीआई के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से यह कार्य हो रहा था? यह जांच का विषय है। उक्त मामले में जब आरएमओ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मीटिंग में हूं। लेकिन कुछ देर बाद जब आरएमओ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, फर्जी कागज के आधार पर खाद्यान्न एक ट्रक से कहीं जा रहा था, मैंने डिप्टी आरएमओ को मौका मुआयना करने के लिए भेज दिया हूं। लेकिन जब हमने दो ट्रक और की बात की तो उन्होंने कहा कि ऐसी मुझे जानकारी नहीं मिल पा रही है। उसको भी मैं दिखवाकर बताता हूं। साथ ही इस बाबत एसएमआई से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एक ट्रक का मामला मेरे भी संज्ञान में है लेकिन दो ट्रक के मामले में अभी मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। इसे मैं दिखाकर बात करता हूं। वहीं सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार पता चला है कि दोनों ट्रक का आनन-फानन में सही तरीके से कागज बनाकर पेश किया गया है। देखना यह है कि जांच अधिकारी इस दो ट्रक को किस तरीके से दिखाते हैं या फिर लीपापोती कर देते है। अब बड़ा सवाल यह है भी खड़ा होता है कि क्या विभाग की मिलीभगत से यह कारनामा हो रहा था या फिर कुछ और?