विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष होंगे वाराणसी से शिक्षक एमएलसी लाल बिहारी यादव


प्रखर डेस्क। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष रहे संजय लाठर का कार्यकाल खत्म होने के बाद अब आजमगढ़ के लाल बिहारी यादव होंगे नेता प्रतिपक्ष. इसके लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधान परिषद को प्रस्ताव भेज दिया है. उल्लेखनीय है कि लाल बिहारी वाराणसी शिक्षक क्षेत्र से एमएलसी हैं. जानकारी के अनुसार संजय लाठर का कार्यकाल 26 मई को खत्म हो रहा है. संजय लाठर के साथ ही गुरुवार को सपा के तीन और सदस्य रिटायर हो रहे हैं. वहीं 6 जुलाई को सपा के और 6 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा.
गौरतलब है कि संजय लाठर का कार्यकाल नेता प्रतिपक्ष के पद पर सबसे कम समय के लिए रहा. लाठर केवल 60 दिन के लिए ही नेता प्रतिपक्ष रहे. अहमद हसन के निधन के बाद सपा ने संजय लाठर को नेता प्रतिपक्ष बनाया था. उल्लेखनीय है कि संजय लाठर 23 वें नेता विरोधी दल रहे हैं और अब तक यूपी के इतिहास में उनका कार्यकाल सबसे कम दिनों का रहा है. संजय लाठर के साथ जिन लोगों का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें राजपाल कश्यप व अरविंद कुमार हैं. वहीं 6 जुलाई को सपा के जगजीवन प्रसाद, कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, बलराम यादव व राम सुंदर दास निषाद का भी कार्यकाल खत्म हो रहा है.
केवल पांच सदस्य रह जाएंगे
जुलाई में समाजवादी पार्टी के विधान परिषद में केवल पांच सदस्य रह जाएंगे. 100 सीटों वाली विधान परिषद में जुलाई की 6 तारीख के बाद नरेश चंद्र उत्तम, राजेंद्र चौधरी, आशुतोष सिन्हा, डॉ. मान सिंह यादव और लाल बिहारी यादव ही रहेंगे. वहीं विधानसभा कोटे की 13 और सीटें जल्द ही खाली हो रही हैं. इसके लिए चुनाव जून में होंगे.विधान परिषद की एक सीट के लिए 31 विधायकों का मत जरूरी है. सपा और उसके सहयोगी दलों को मिला कर 125 विधायक हैं. ऐसे में सपा ज्यादा से ज्यादा चार सीटें ही कब्जा सकती है. लेकिन फिर भी उसके सदस्यों की संख्या 9 ही रहेगी और नेता प्रतिपक्ष के लिए कम से कम 10 सीटों की जरूरत होती है. ऐसे में 6 जुलाई के बाद नेता प्रतिपक्ष का पद भी सपा के पास नहीं रहेगा. तो ऐसे में लाल बिहारी का कार्यकाल भी 6 जुलाई को खत्म हो सकता है।