ज्ञानवापी मामला! सील बंद होने के बाद भी सर्वे रिपोर्ट का वीडियो लीक, हड़कंप

प्रखर वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में विवाद गहराता जा रहा है. अब सर्वे रिपोर्ट का वीडियो लीक होने के मामले ने तूल पकड़ ली है. सर्वे रिपोर्ट का वीडियो कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के कुछ देर बाद ही लीक हो गया और टीवी पर चलने लगा. जिसके बाद अब हिंदू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन ने कहा कि हम लोगों ने अभी तक सर्वे रिपोर्ट को खोला भी नहीं है और ये टीवी पर चलने लगी है. हमारे पास सर्वे रिपोर्ट के लिफाफे सीलबंद रखे हुए हैं. उन्होंने इसके साथ ही सीलबंद लिफाफे भी दिखाए. उन्होंने कहा कि वीडियो कहां से लीक किया गया है ये पता लगाना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वीडियो लीक होने के मामले में मंगलवार को कोर्ट में शिकायत की जाएगी. उन्होंने कहा कि कोर्ट को वीडियो लीक करने वाले की जिम्मेदारी तय करनी होगी.
वहीं इससे पहले सोमवार को सुनवाई के बाद अगली तारीख 4 जुलाई दी गई है. 1 जून से अदालतों में गर्मी की छुट्टियों के चलते ये तारीख दी गई है. सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के बीच अदालत में जमकर बहस हुई थी. इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें रखीं. मुस्लिम पक्ष का बहस के दौरान कहना था कि मां श्रृंगार गौरी से संबंधित मामला सुनवाई के योग्य नहीं है. मुस्लिम पक्ष के वकील अभय यादव ने इस दौरान दलीलें पेश कीं और काफी देर तक कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच तेज बहस हुई.
यादव ने इस दौरान दावा किया कि मां श्रृगार गौरी का मुकदमा पूजा स्‍थल (विशेष उपबंध) अधिनियम 1991 का पूरी तरह से उल्लंघन है. मुस्लिम पक्ष ने 1937 दीन मोहम्मद बनाम राज्य सचिव के मुकदमे का निर्णय भी पढ़ा. उन्होंने कहा कि अदालत ने मौखिक गवाही और दस्तावेजों के आधार पर फैसला किया था कि ये पूरा परिसर मुस्लिम वक्फ का है. उन्होंने कहा कि हिंदू पक्ष का दावा कि ये संपत्ति वक्फ की नहीं है गलत है. ये संपत्ति वक्फ की ही है.इस दौरान कई बार दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई और आवाज कोर्ट के बाहर तक सुनाई दी. इस दौरान शुरुआत में जिला जज ने दोनों ही पक्षों को शांत रहने की अपील की. लेकिन मामला बढ़ता गया और दोनों पक्षों की आवाज तेज होती गई. इसके बाद जज गुस्सा गए और दोनों पक्षों को तेज आवाज में बात न करने के लिए कहा. जिसके बाद कोर्ट में आवाज कम हुई।