काशी में सूदखोर काशी व मटरू का व्यापारियों में आतंक, पुलिस ने कसा शिकंजा

7 लाख का 70 लाख लिया, और फिर भी मांग रहे 35 लाख

एक से 50 लाख का 80 लाख लिया, दुकान पर कब्जा कर फिर मांग रहे 50 लाख

प्रखर वाराणसी। काशी में काशी और मटरू दो ऐसे नाम है जिसको सुनते ही व्यापारी दहशत में आ जाते है। बताया जाता है कि वाराणसी से बिहार तक हनक रखने वाले काशी और मटरू अत्याधुनिक असलहों से लैस कोई गैंग नहीं चलाते हैं। बल्कि, यह गैंग व्यापारियों को ब्याज पर पैसे उधार देकर अपने चंगुल में फंसाता है और फिर सालों तक उनसे मनमानी वसूली करते हुए उनकी दुकान और दूसरी संपत्तियों पर कब्जा कर लेता है। हालांकि, योगी 2.0 सरकार में वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस ने मटरू और काशी के साथ ही उनके गैंग पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बतादे कि हबीबपुरा के रहने वाले व्यापारी रवींद्र जायसवाल ने बताया कि अपने व्यापार के लिए उन्होंने साल 2007 में काशी सिंह से ब्याज पर 7 लाख रुपए लिए थे। गिरवी रखने के लिए उन्होंने दस्तखत किए हुए चेक दिए थे। बीते 13 साल में वह काशी सिंह को लगभग 70 लाख रुपए दे चुके हैं। पुलिस का दबाव बढ़ता देख मटरू ने बुधवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया है। इसके बाद भी वह कर्ज से मुक्त नहीं हो सके हैं। उल्टे अब काशी और उसका दोस्त मटरू उनसे 35 लाख रुपए की रंगदारी मांग रहे थे। किसी तरह से उन्होंने हिम्मत जुटाकर पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश से गुहार लगाई। काशी और मटरू के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। उन्हें अब उम्मीद है कि उनके साथ न्याय होगा। जगतगंज धूपचंडी के रहने वाले व्यापारी राहुल सिंह ने बताया कि उनके पिता रवींद्रनाथ सिंह ने 2006 में काशी सिंह से ब्याज पर 25 लाख रुपए उधार लिए थे। अब तक वह काशी को लगभग 80 लाख रुपए दे चुके हैं। इसके बावजूद उनकी एक दुकान पर काशी सिंह का कब्जा है। अब काशी, मटरू और उनकी गैंग के लोग कहते हैं कि 50 लाख रुपए देकर अपनी दुकान वापस ले लो। रुपए न देने पर जान से मारने की धमकी दी गई। लालपुर पांडेयपुर थाने की पुलिस के अनुसार, हिस्ट्रीशीटर रमेश राय उर्फ मटरू के नाम से जारी पिस्टल का लाइसेंस 27 दिसंबर 2016 में वाराणसी के तत्कालीन जिलाधिकारी ने निरस्त कर दिया था। इसके बाद भी मटरू ने अपनी पिस्टल थाने में जमा नहीं की। मटरू ने ऐसा करके आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत अपराध किया है। जल्द कार्रवाई की जाएगी। मटरू और काशी को नेताओं का संरक्षण हासिल है। मटरू तो खुद को खुलेआम एक पूर्व विधायक का करीबी भी बताता रहा है। कमिश्नरेट की पुलिस का कहना है कि काशी और मटरू की सूदखोरी का लंबा इतिहास है, उसे देख कर यह लगता है कि अभी कई पीड़ित होंगे। हमारी कार्रवाई देख कर अन्य पीड़ित भी सामने आएंगे और उन्हें भी न्याय दिलाने की कोशिश की जाएगी।