प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। अपर सत्र न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट चंद्र प्रकाश तिवारी की अदालत ने सदर कोतवाली क्षेत्र के गोराबाजार के मामले में तीन अभियुक्तों को चार-चार वर्ष के कारावास और नौ-नौ हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अभियोजन के अनुसार वादी हरगोविंद राम ने सदर कोतवाली में लिखित तहरीर दिया था कि 3 मार्च 1991 को 1:30 बजे दिन में उसके घर में घुसकर उसे और उसकी पत्नी लक्ष्मी देवी को राजेश कुमार प्रजापति पुत्र सदानंद प्रजापति अजय कुमार यादव पुत्र श्याम सुंदर यादव रणवीर सिंह यादव पुत्र श्याम सुंदर यादव श्याम सुंदर यादव पुत्र कृष्ण देव राय द्वारा लाठी-डंडा एवं छड़ से बुरी तरह मारा गया। बच्चों के ऊपर चाकू तानकर डराया गया और बोलने पर जान से मारने की धमकी दी गई। तहरीर के आधार पर चारों आरोपियों के विरुद्ध धारा 323 452 506 भा द वि और 3 ( 1) 10 एससी एसटी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत हुआ। विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय भेजा गया। विचारण के दौरान एक आरोपी श्याम सुंदर यादव की मृत्यु हो गई। शेष अभियुक्तों के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रदीप चतुर्वेदी ने पांच गवाहों को पेश किया। गवाहों ने घटना का समर्थन किया। अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने तीनों अभियुक्तों को एससी एसटी के आरोप से मुक्त कर दिया तथा तीनों अभियुक्तों को धारा 323 452 506 भादवी के अंतर्गत दोषी पाते हुए सजा सुनाई।