देर रात काशी विश्वनाथ दर्शन के साथ पुलिस लाइन में निर्माणाधीन बैरक का निरीक्षण किए सीएम योगी

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भूलनपुर पीएसी में बन रहे निर्माणाधीन बैरक का निरीक्षण नहीं हो सका

प्रखर वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार शाम वाराणसी पहुंचे। सर्किट हाउस में अधिकारियों संग विकास कार्यों की प्रगति के साथ ही कानून व्यवस्था को लेकर बैठक की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर एवं काल भैरव मंदिर में विधिवत दर्शन पूजन कर बाबा का आशीर्वाद लिया। देर रात पुलिस लाइन के निर्माणाधीन बैरक परिसर का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने बैरक का नक्शा देखा और उसमें कई बिंदुओं पर सुझाव को लेकर निर्देशित किया। पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश से मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य से जुड़ी अन्य जानकारियां हासिल की।
सर्किट हाउस में बैठक के दौरान सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ का पानी कम होने के वाले इलाकों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा, पानी उतरने के बाद वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम डोर टू डोर निरीक्षण करें और लोगों के स्वास्थ्य की निगरानी करें। मुख्यमंत्री ने त्योहारी सीजन से पहले बाजारों में प्रकाश की समुचित व्यवस्था के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के भी निर्देश दिए। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विधिवत दर्शन-पूजन के बाद मुख्यमंत्री ने कॉरिडोर का भी निरीक्षण किया। अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मंदिर में आने वाले बाबा भक्तों एवं दर्शनार्थियों को हर हालत में बेहतर सुविधा उपलब्ध हो।मुख्यमंत्री ने देर रात पुलिस लाइन के निर्माणाधीन बैरक परिसर का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने बैरक का नक्शा देखा और उसमें कई बिंदुओं पर सुझाव को लेकर निर्देशित किया। पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश से मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य से जुड़ी अन्य जानकारियां हासिल की। पुलिस लाइन में साढ़े सात करोड़ की लागत से आठ मंजिला भवन का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि तय समय पर बैरक का निर्माण कार्य हो। निरीक्षण के दौरान परिसर के कर्मचारियों के बच्चों से भी मुख्यमंत्री मुखातिब हुए और उन्हें चॉकलेट वितरित किया। 34वीं वाहिनी पीएसी भुल्लनपुर के निर्माणाधीन बैरक का मुख्यमंत्री को निरीक्षण करना था। 12 मंजिला बैरक का निर्माण कार्य फरवरी 2023 में पूरा होना है। 200 बेड के बैरक में दो लिफ्ट भी लगना है। सीएम का हेलीकाप्टर सबसे पहले यहां आना था, मगर मऊ से सड़क मार्ग से वाराणसी आने के कारण यहां नहीं पहुंचे सके।