लखनिया दरी जलप्रपात बंद होने से पर्यटक मायूस, स्थानीय बेरोजगारी के साथ सरकार को भी हानि

असलम खान

प्रखर अहरौरा मिर्जापुर। प्रदेश की योगी सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जलप्रपात एवं अन्य मनोरम जगहों के विकास के लिए बजट दे रही है। लेकिन जिला प्रशासन ने लखनिया दरी व चुना दरी जैसे जलप्रपात पर पाठकों की सुरक्षा की दुहाई देकर रोक लगा रखा है ।जिससे सैलानी निराश होकर जलप्रपात से वापस लौट रहे हैं ।जबकि कुछ दिन पूर्व ही विकास कार्यों के लिए लाखों रुपए लखनिया दरी जलप्रपात के लिए पास किया गया था प्रशासनिक रोक के चलते विकास बाधित है लखनिया दरी व चुना दरी जलप्रपात पहाड़ों एवं झरनों की हसीन वादियों का संगम है। इसका लुफ्त हर कोई उठाना चाहता है लेकिन प्रशासनिक रोक सैलानियों की राह में रोड़ा बन रहा है।
जिस स्थान पर डेंजर जोन है उसे चिन्हित करते हुए उसे सुरक्षित किया जाना चाहिए। लेकिन उसके लिए प्रशासन को कमर कसनी पड़ेगी। गहरे कुंड पर सुरक्षा के इंतजाम कर उसे लोहे के तार से घेराबंदी किया जाए तो सैलानियों के साथ हो रही दुर्घटना पर अंकुश लगाया जा सकेगा ।सैकड़ों फीट ऊंचाई पर स्थित पहाड़ों के शिखर से गिरते हुए झरने से हुई ध्वनि एवं चट्टानों से टकराकर बहता हुआ पानी चारों ओर हरियाली एवं झरने दूध जैसी सफेदी देख कर नजर टिक जाती है। प्रकृति के इस खूबसूरती को देखकर निगाहें थम सी जाती हैं। सब कुछ भूलकर सैलानी इसका लुफ्त उठाने में लीन हो जाते हैं ।यहां आए हुए सैलानियों को शांति और सुकून महसूस होता है। ऐसा मनोरम दृश्य को देखने की लालसा हर सैलानियों में होती है। लेकिन वर्तमान में इसकी अनदेखी की जा रही है। आसपास के ग्रामीण इस पर्यटक स्थल पर छोटी मोटी दुकान लगाकर अपनी एवं अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। इसके साथ ही जिला प्रशासन को लाखों रुपए के राजस्व की भी हानि हो रही है।