बांदा जेल में जांच के दौरान ही मुख्तार को पड़ गया था हार्ट अटैक


जिसके बाद आनन फानन में ले जाया गया मेडिकल कालेज!

प्रखर डेस्क। बीती 19 मार्च से भले ही मुख्तार को पेट दर्द की शिकायत रही हो और वह खाने में जहर देने का आरोप लगाता रहा हो, लेकिन उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई। जेल सूत्रों की मानें तो मुख्तार को हार्ट अटैक मेडिकल कॉलेज में नहीं बल्कि कारागार में जांच के दौरान ही पड़ गया था। इसके बाद ही आनन फानन अधिकारियों की टीम ने एंबुलेंस बुलवाकर उसे मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। जहां करीब एक घंटे तक मुख्तार जिंदगी और मौत से जूझता रहा। रात करीब साढ़े नौ बजे के आसपास उसकी मौत हो चुकी थी, लेकिन इसकी पुष्टि तकरीबन एक घंटे बाद साढ़े दस बजे तब की गई, जब मेडिकल कॉलेज को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया। दो दिन पहले मेडिकल कॉलेज से आने के बाद मुख्तार ने खाना-पीना न के बराबर कर दिया था। बुधवार तक कुछ फल ही खाए थे। जेल सूत्रों के मुताबिक गुरुवार दोपहर से उसकी तबीयत दोबारा बिगड़ने लगी थी। सूचना मिलते ही जिला अस्पताल के तीन डॉक्टरों की टीम ने मौके पर पहुंच कर उसकी सेहत की जांच की थी। गुरुवार को मुख्तार ने सिर्फ थोड़ी सी खिचड़ी ही खाई थी।