मुठभेड़ में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद, सर्च ऑपरेशन जारी

– कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पकड़ने पहुंची थी पुलिस टीम

प्रखर कानपुर। प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कानपुर में बीती रात घात लगाए कुख्यात अपराधियों ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया जिसमें एक सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं । बता दें कि मामला कानपुर का है यहां चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं जिसकी जद में आने से बिल्‍हौर के सीओ देवेंद्र मिश्रा,थाना प्रभारी शिवराजपुर महेश चंद्र यादव
चौकी इंचार्ज मंधना अनूप कुमार सिंह,सब इंस्पेक्टर नेबू लाल सिपाही सुल्तान सिंह,सिपाही राहुल,सिपाही बबलू
सिपाही जितेंद्र शहीद हो गए हैं।  यह घटना किसी आतंकवादी से मुठभेड़ में नहीं, बल्कि स्थानीय हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस के साथ हुई है। एडीजी जय नारायण सिंह ने घटना की पुष्टि की है। चार पुलिसकर्मी घायल भी हैं। घटना कानपुर में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव की है। जहाँ पुलिस शातिर बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई थी। गुरुवार रात करीब साढ़े 12 बजे बिठूर और चौबेपुर पुलिस ने मिलकर विकास दुबे के गांव बिकरू में उसके घर पर दबिश दी। जानकारी के अनुसार विकास और उसके साथियों की फायरिंग में एसओ बिठूर, एक दरोगा समेत कई पुलिसकर्मियों को भी गोली लगी। दो सिपाहियों के पेट में गोली लगी जिन्हें गंभीर हालत में रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के आलाधिकारी और कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई है। कई सिपाहियों को बेहद गंभीर हालत में रीजेंसी भर्ती कराया गया है और कई पुलिसकर्मी लापता हैं। बतादें कि यह कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पिछले दी दशक से जरायम की दुनिया मे सक्रिय है। पहली बार वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी के रूप में इसका नाम सामने आया था। इसके बाद वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। इसके अलावा कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास की जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है। वर्ष 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है। सूत्रों ने बताया कि जिस तरीके से हमला हुआ, उससे आशंका है कि बदमाशों को पुलिस की दबिश की भनक मिल गई थी। जिस कारण उन्होंने तैयारी करके पुलिस पर हमला किया। इस घटना पर उत्‍तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्‍थी ने कहा कि हमलावर बदमाशों की तलाश में एसटीएफ को लगाया गया है. एसटीएफ के आईजी भी मौके पर पहुंच रहे हैं. अपराधियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि हस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्‍या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज था. पुलिस इसी सिलसिले में उसे पकड़ने गई थी। बदमाशों ने मार्ग पर जीसीबी रख दी थी, जिससे मार्ग बाधित हो गया था. पुलिस टीम के वहां पहुंचते ही ऊंचाई से उनपर फायरिंग शुरू कर दी गई, जिसमें 8 पुलिसवाले मारे गए. डीजीपी ने 7 जवानों के घायल होने की बात भी कही है। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस सकते में है बता दें कि मौके पर पुलिस के आला अधिकारी पहुंच गए हैं और अपराधियों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन पूरे गांव के साथ-साथ इलाके में भी चलाया जा रहा है। इसके अलावा सीमावर्ती जिलों के पुलिस कप्तानों को भी इस सर्च ऑपरेशन के लिए आदेश दे दिया गया है।