वाराणसी मंडी परिषद में दो-दो डीडीसी, निदेशक के आदेश को दिखाया ठेंगा

– हाईकोर्ट में होनी है 10 अगस्त को सुनवाई

– वर्तमान डीडीसी को इसकी कोई जानकारी नहीं

प्रखर वाराणसी। वाराणसी मंडी परिषद के बर्खास्त उप-निदेशक रामनरेश सोनकर ने एक बार फिर शासन के निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए वाराणसी मंडी परिषद में अपना पदभार ग्रहण करने का आदेश स्वयं पारित किया है। बता दें कि एक ठेकेदार से कमीशन मांगने का ऑडियो वायरल होने के बाद उन्हें मंडी परिषद के निदेशक द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। इसके साथ ही उनका स्थानांतरण मिर्जापुर कर दिया गया था। लेकिन उप रामनरेश सोनकर मंडी परिषद के निदेशक के आदेश को हाईकोर्ट में चैलेंज किया जहां हाईकोर्ट में उनका मामला चल रहा है। कोर्ट ने उनके सस्पेंशन को निरस्त कर दिया था। बता दें कि कोर्ट में सुनवाई की अगली तारीख 10 अगस्त को मुकर्रर की गई है। लेकिन उसके पहले ही रामनरेश सोनकर ने सारे आदेशों को धता बताते हुए एक बार फिर स्वयं के बहाली आदेश जारी करते हुए उप-निदेशक मंडी परिषद वाराणसी ज्वाइन करने का आदेश दिया है। इस संदर्भ में जब प्रखर पूर्वांचल ने वर्तमान में यहां तैनात प्रयागराज के डीडीसी महेंद्र कुमार से जब इस संदर्भ में बात की तो उन्होंने कहा कि इस आशय का उन्हें मुख्यालय से कोई आदेश नहीं आया है। वह वर्तमान में अभी वाराणसी मंडी परिषद का भी कार्य देख रहे हैं। गौरतलब है कि ठेकेदार ऑडियो प्रकरण के बाद मंडी परिषद लखनऊ के निदेशक जेपी सिंह ने तत्कालीन डीडीसी रामनरेश सोनकर को बर्खास्त करते हुए उनकी जगह प्रयागराज में कार्य कर रहे डीडीसी महेंद्र कुमार को वाराणसी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा था। बता दें कि अपनी बर्खास्तगी के बाद ही उपनिदेशक रामनरेश सोनकर ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट प्रयागराज में अपील की थी उनकी बर्खास्तगी पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट ने दोबारा सुनवाई के लिए 10 अगस्त का समय दिया है। इस संदर्भ में मंडी परिषद के निदेशक जेपी सिंह ने प्रखर पूर्वांचल से बात करते हुए कहा कि इस मामले में कोर्ट के आदेश का अक्षरशः पालन किया जाएगा ।कोर्ट ने जो भी आदेश दिया है उस पर अमल करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने साफ कहा कि कोर्ट ने रामनरेश सोनकर को दोबारा वाराणसी में कार्यभार ग्रहण करने का कोई आदेश नहीं दिया है। अब बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर रामनरेश सोनकर इतनी छीछालेदर होने के बावजूद वाराणसी में दोबारा क्यों पदभार ग्रहण करना चाहते हैं? जबकि कमीशन के लेनदेन का ऑडियो वायरल होने के बाद मंडी परिषद के अंदर चल रही राजनीति खुलकर सामने दिखाई दे रही है। इस संदर्भ में जब प्रखर पूर्वांचल ने रामनरेश सोनकर से बात की तो उन्होंने कहा कि हां मैंने ज्वाइन कर लिया है अभी मैं भोजन कर रहा हूं । मैं बाद में आपसे बात करता हूं। बता दें कि इस कार्यभार ग्रहण करने के करीब दो हफ्ते पहले ही रामनरेश सोनकर के निलंबन पर जब हाई कोर्ट द्वारा स्थगन आदेश दिया गया था तो वह पूरे दलबल के साथ अपने कार्यालय पहुंचकर खुद का माल्यार्पण भी कराया था। कार्यालय में जिंदाबाद और मुर्दाबाद के नारे भी जमकर लगाए गए थे। अब सवाल यह है कि आखिर मंडी परिषद के एक अधिकारी द्वारा इस तरह खुलेआम खुद का स्वागत कराना और कार्यालय में जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारे लगाकर अपने कार्यभार का ऐलान करना अपने आप में क्या दर्शाता है? बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण वाराणसी हमेशा ही मीडिया की निगाह में सुर्खियां बटोरता रहता है । ऐसे में एक अधिकारी द्वारा तमाम नियमों कायदे कानूनों को दरकिनार करते हुए खुद को व्यवस्था से ऊपर प्रदर्शित करना आखिर क्या दर्शाता है? इस तरह की हरकतों से रामनरेश सोनकर आखिर साबित क्या करना चाहते हैं? एक तरफ जहां योगी सरकार भ्रष्टाचार को शून्य स्तर पर लाने के लिए प्रयासरत है तो वहीं दूसरी तरफ रामनरेश सोनकर जैसे अधिकारी खुद को सरकार के ऊपर साबित करने पर तुले हुए हैं ऐसे में सरकार पर लगातार सवाल उठते रहेंगे।