प्रखर ब्यूरो मरदह/गाजीपुर। इस समय अगर सबसे ज्यादा परेशान कोई है तो वे है धरती के अन्नदाता किसान, जिसे कभी सूखा तो कभी बाढ़ जैसी आपदाओं से दो चार होना पड़ता है। मरदह विकासखंड के बरही गाँव के किसानो को तो एक नई मुसीबत झेलने को मिल रही है। गाँव के पश्चिमी सिरे पर लगभग हजार बीघे में फैले ताल में किसानों द्वारा लगाई गई धान की फसल पूरी तरह जलमग्न हो गयी है। गाँव के बीचों बीच ताल के पानी के निकास के लिए निकला गया नाला पूरी तरह जाम होने के साथ अतिक्रमण का भी शिकार हो गया है, जिसकी वजह से ताल का पानी निकल नही पा रहा है, जिसकी वजह किसानों की धान की फसल बर्बाद हो रही है। इस बाबत किसान श्यामलाल राजभर, रामकरन यादव, सिरपत यादव, जयप्रकाश यादव, नंदू राजभर, सुदर्शन यादव, रामजन्म यादव, रामश्री यादव, मिन्ता यादव, सुबच्चन यादव, पूजन यादव, चंद्रिका यादव आदि ने बताया ताल के पानी का निकास नही होने के चलते आज पूरी फसल तबाह हो रही है। ना ही कोई जनप्रतिनिधि और ना ही कोई अधिकारी हमारी समस्याओं की तरफ ध्यान दे रहा है। ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा से कार्य तो जरूर कराया गया लेकिन वो भी आधा अधूरा, जहा जरूरत थी वहां नाले की सफाई ही नही कराया गयी। किसानों ने बताया गाँव के बीचों बीच निकले नाले पर अतिक्रमण किया जा रहा है। नाले की सफाई न होने के चलते पानी का निकास नही हो पा रहा है। इन किसानों में से किसी का 4 बीघा, किसी का ढ़ाई बीघा, तो किसी का एक बीघा खेत ताल में पड़ता है। किसानों ने बताया खरीफ की फसल तो बर्बाद हो ही रही है अगर पानी निकास की व्यवस्था नही की गई तो रवि की फसल भी नही बोई जा सकेगी। जिले के सांसद अफजाल अंसारी से जब इस समस्या पर बात की गई तो सांसद महोदय ने कहा आप लोगो को तो पता ही होगा कि कोरोना के चलते सरकार की तरफ से देश के सांसदों की निधि पर दो सालों तक ब्रेक लग चुका है। उन्होंने कहा जब निधि चालू होगी तो आपकी समस्या को वरियता देकर समस्या का समाधान कराया जाएगा।