चोलापुर के एक छोटे से गांव से निकलकर नवीन ने जैविक खेती का इंदौर की प्रदर्शनी में बजाया डंका

प्रखर चोलापुर वाराणसी। प्रगतिशील किसान नवीन यादव चोलापुर के एक छोटे से गांव से निकलकर अपनी जैविक खेती का डंका इंदौर की चोलापुर में हुई प्रदर्शनी में बजा दिया है। उन्हें खासतौर पर इनवाइट कर बुलाया गया था। यहां पर उन्होंने जैविक खेती से लोगों को अपने तरीके के बारे में बेहतर बताया, जिसके बाद उनकी खूब तारीफ हो रही है। बतादे कि बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के चोलापुर ब्लॉक के हथियार खुर्द गांव के प्रगतिशील किसान नवीन ने बताया कि मैं अपने चाचा सतीश यादव ( फौजी) से ही खेती के बारे में ज्यादा जाना हूँ। वही हमें खेती की नई-नई तकनीकी को प्रयोग में लेने के लिए उत्साहित करते रहते हैं। उन्होंने ही हमें जैविक खेती करने को हमें प्रोत्साहित किया हैं। आगे नवीन ने बताया कि मैंने इसको शुरू करने में बस 500 रुपये खर्च किये थे यानि में 500 रुपये के बीज खरीद के लाया था लौकी और काशीफल के उनको मैंने गाय के मूत्र में ४-५ घंटे के लिए भिगो दिया और उसके बाद पंखें की हवा में २-३ घंटे के लिए सूखा दिया। उसके बात मैंने इसे ३ बिस्सा खेत में लगा दिया और २ बिस्सा खेत में लौकी को लगा दिया। फिर जीवामृत बनाया किशन चन्द्रा जी से में बहुत प्रभावित हूँ। मैंने उनसे ही प्रभावित होकर देसी कीटनाशक बनाया था। खेत में पानी के साथ कंपोज़र को मैंने खेत में पानी के साथ डाला जिसमे गोमूत्र, गुड़ और बहुत सारे पेड़ों की पत्तियां मिला के मैंने बनाया था। मैंने कीटनाशक भी देसी गाय की छाछ से मैंने कीटनाशक बनाया है जिसको में खेत में खड़ी फसल में प्रयोग करते हैं।
मैं अभी अपनी फसल को पूरा समय दे रहा हूँ और अपनी और रासायनिक फसल में जो फर्क है वो आप उसको टेस्ट के बाद ही पता चलेगा लेकिन हाँ आप उसके रंग और प्राकृतिक रूप से भी महसूस कर सकते हैं। घर में जो महिलाएं खाना बनती है वो समझ सकती है की जैविक सब्जी को पकने में समय नहीं लगता है और उसका स्वाद अलग ही होता है। आज मैं जब अपनी सब्जी को आढ़त पर ले जाता हूँ तो सबसे पहले मेरी फसल बिकती है। लोग इन्तजार करते हैं मेरी फसल का। पहले मुझे विश्वास ही नहीं होता था की जैविक फसल की इतनी मांग है। आगे उन्होंने कहा कि मैं किसानों को कहना चाहूंगा की अपने आप को और अपनी आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए हमें जैविक खेती को अपनाना चाहिए जिससे हम भयानक से भयानक बिमारियों से बच सकें, जैसे- कैंसर, शुगर, जोड़ों के दर्द, हाई बीपी आदि से बच सकें और अपने बच्चों को एक आदर्श जीवन दे सकें। बता दे कि नवीन वाराणसी के हथियार कला में जैविक खेती जोर- शोर पर कर रहे हैं और इन सब्जियों को लोग बहुत ही पसंद करते हैं। क्योंकि अन्य सब्जियों के अपेक्षाकृत अन्य रासायनिक खाद से तैयार सब्जियों से ज्यादा स्वाद होता है। उन्होंने कहा कि मैं इसमें फर्टिलाइजर खाद का एकदम उपयोग नहीं करता हूं। संपूर्ण जैविक खाद अपने स्वयं के हाथों से बनाकर खेतों में डालता हूं।