टीईटी पेपर लीक मामला! परीक्षा नियामक अधिकारी सस्पेंड पेपर छापने वाली कंपनी का डायरेक्टर गिरफ्तार


प्रखर डेस्क। उत्तर प्रदेश पेपर लीक प्रकरण अब तूल पकड़ने लगा है. पेपर लीक के बाद विपक्ष योगी सरकार को आड़े हाथों लेने लगा था. अब सीएम योगी ने इस मामले में सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है. सीएम योगी ने पेपर लीक प्रकरण में लापरवाही बरतने और गोपनीयता बरकरार ना रख पाने के कारण परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय को सस्पेंड कर दिया है. उपाध्याय को नकलविहीन और शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा ना करवाए जाने के अरोप में दोषी पाया गया है, इस कारण उन पर यह एक्शन लिया गया है. पेपर लीक प्रकरण में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. निलम्बित रहने के दौरान उपाध्याय बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय, लखनऊ से संबद्ध रहेंगे. पेपर लीक प्रकरण के बाद योगी सरकार ने इस मामले में सख्ती से कार्रवाई करने का आदेश दिया था। गौरतलब है कि 28 नवम्बर को दो पारियों में यूपी टीईटी परीक्षा होनी थी लेकिन पेपर लीक की खबर के बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. परीक्षा में 21 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल होने वाले थे. खबर के अनुसार टीईटी प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 13.52 लाख और टीईटी उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 8.93 लाख परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. खबरों के अनुसार योगी सरकार ने एक माह के अंदर फिर से यह परीक्षा करवाने के आदेश दिए हैं. परीक्षा से जुड़ी विभिन्न तैयारियां जोर शोर से शुरू हो गई है और एक महीने के भीतर यह परीक्षा करवाए जाने की कोशिश है. इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा एसटीएफ को दिया गया है. एसटीएफ टीम लगातार विभिन्न जिलों में धर पकड़ कर रही है. खबरों के अनुसार अब तक तीस से ज्यादा आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है
लीक प्रकरण में सीएम योगी सीधे पूछताछ कर रहे हैं इसलिए इस प्रकरण को लेकर पूरा महकमा अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है ताकि आरोपियों को सजा मिल सके. हाल ही इस सिलसिले में एसटीएफ टीम ने पेपर छापने वाली कम्पनी के डायरेक्टर राय अनूप प्रसाद को​ गिरफ्तार किया है. शक के आधार पर प्रसाद से टीम पूछताछ कर रही थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गौरतलब है कि राय अनूप प्रसाद की कम्पनी आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड को पेपर छापने का ठेका मिला था. बताया जा रहा है कि प्रसाद पेपर लीक में शामिल था और उसने वर्क ऑर्डर को एक असुरक्षित प्रेस को दे दिया था. इस कारण प्रेस से ट्रेजरी ले जाते समय पेपर लीक हो गया था.
परीक्षाणर्थी परेशान और नाराज
इस पूरे लीक प्रकरण में यदि सबसे ज्यादा किसी का नुकसान हुआ है तो वह हैं परीक्षार्थी. काफी युवा कई दिनों से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे लेकिन लीक होने के कारण उनकी मेहनत पर पानी ​फिर गया है. इस कारण परीक्षार्थियों के अंदर प्रशासन के खिलाफ काफी रोष है. साथ ही इस बात की चिंता भी है कि अब ना जाने किस तरह दोबारा परीक्षा होगी. गौरतलब है कि इससे पहले 2019 में यूपी टीईटी की परीक्षा आयोजित हुई थी।