कुलपति की ही नहीं सुन रहा विद्यापीठ प्रशासन

प्रखर वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वर्तमान समय में अजीब दोराहे पर खड़ा है।कुलपति आदेश करते हैं परन्तु उनके आदेश का ही अनुपालन अधीनस्थों द्वारा नहीं किया जा रहा।काशी विद्यापीठ के प्राचीन छात्र एवँ आरटीआई एक्टिविस्ट सुधांशु कुमार सिंह ने जनहित के कई मुद्दों पर कुलपति को आवेदन देकर व्यक्तिगत रूप से कार्यवाही करने का निवेदन किया।जिसपर कुलपति काशी विद्यापीठ ने तत्काल कार्यालय आदेश जारी करने हेतु अधीनस्थों को आदेशित किया लेकिन विद्यापीठ के कर्मचारी भी कुलपति से कम नहीं हैं वह फाइल पर कुंडली मार कर बैठ गए।रोजाना तमाम कार्यालय आदेश निकल रहे हैं लेकिन जनहित के मुद्दों को दरकिनार किया जा रहा है।यही नहीं कार्यालय से गोपनीय अभिलेखों को भी लीक किया जा रहा है।जिसपर सुधांशु कुमार सिंह ने प्रशासन के इस अजीबोगरीब रवैये से क्षुब्ध होकर कुलाधिपति, कुलपति एवँ कुलसचिव को पत्र भी लिखा है।एक प्रकरण में सुधांशु कुमार सिंह ने महिला अध्यापक के मानसिक उत्पीड़न के संदर्भ में प्राथमिकी दर्ज करने हेतु आवेदन भी दिया है, सुधांशु कुमार सिंह ने अपना बयान भी दर्ज करवा दिया है लेकिन विपक्षी अपना बयान दर्ज करवाने से कतरा रहे हैं।सुधांशु कुमार सिंह ने गोपनीय अभिलेखों को लीक करने,दोषियों पर कार्यवाही न होने संबंधी समस्त प्रकरणों की जानकारी कुलाधिपति एवँ निदेशक उच्च -शिक्षा को प्रेषित कर दी है।अब देखना दिलचस्प होगा कि कार्यवाही होती है या नहीं।सुधांशु कुमार सिंह भ्रष्ट तंत्र के विरुद्ध एक लंबे अरसे से लड़ते आ रहे हैं, जिसके कारण उनपर फर्जी मुकदमे भी हुए जिसमें वह बेदाग साबित किए गए पुनः अप्रत्यक्ष रूप से उनके परिवार को टारगेट किया जा रहा है लेकिन सुधांशु चट्टान की भांति खड़े हैं।उनका कहना है कि चाहे जो हो जाए विद्यापीठ के भ्रष्ट तंत्र के विरुद्ध मेरा संघर्ष जारी रहेगा एवँ इसके लिए मैं कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूँ, लेकिन भ्रष्टाचार के विरुद्ध कोई समझौता नहीं।