ठंड है तो मरेंगी ही गायें- सेक्रेटरी भदवा


प्रखर दानगंज वाराणसी। यह वक्तव्य ग्राम विकास अधिकारी भदवा के द्वारा कहा गया है, गो आश्रय केंद्र में मर रही गायों पर प्रखर पूर्वांचल के संवाददाता ने जब सेक्रेटरी को फोन किया तो उन्होंने कहा कि ठंड है तो गो वंश मरेंगे ही, इसमें हम क्या कर सकते हैं? या फिर प्रधान भी क्या कर सकते हैं? उनके लिए जो व्यवस्था है वह की गई है, ज्यादा ठंड होगी तो गाये मरती ही रहेंगी, साथ ही यह भी कहा कि पशुओं के कैजुअलिटी की जिम्मेदारी कोई नही ले सकता। अगर ठंढ लगेगी तो हम आप क्या डॉक्टर भी नही बचा सकता। ठंढ तो आदमी को लग जाती है, गाये क्या चीज है।
इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि आये दिन दो- चार दिन में लगातार गो वंश के मरने का सिलसिला जारी है। साथ ही ग्रामीणों यह भी कहना है कि गो आश्रय केंद्र में कोई व्यवस्था नही है। बड़ा सवाल यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गायों को संरक्षित करने की बात करते हैं और उन्हें रखने के लिए गो आश्रय केंद्र बनाकर करीब हर गांव में सैकड़ों गायों को रखा गया है। उनके चारा इत्यादि का प्रबंध प्रधान द्वारा करना होता है, जिसकी देखरेख सेक्रेटरी भी करता है। इसके लिए सरकार उन्हें पैसा भी देती है । लेकिन वाराणसी जनपद के चोलापुर ब्लाक अंतर्गत आने वाले भदवा गांव के सेक्रेटरी सरकार के मंसूबों पर पानी फेरते हुए कह रहे हैं कि ठंड है तो गाय मरेंगी, इसमें हम क्या कर सकते हैं? इसके अलावा हमारे संवाददाता ने जब ग्राम सभा में खुली बैठक की बात की तो उन्होंने कहा कि खुली बैठक हो चुकी है जरूरी नहीं है कि गांव के प्रत्येक सदस्य को इसकी जानकारी हो। बड़ा सवाल यह है कि ग्राम पंचायत में खुली बैठक सभी सदस्यों को सूचित करके की जाती है और गांव में होने वाले कार्यों का उसमें जिक्र होता है, साथ ही इसकी जानकारी ग्राम सभा को भी होती है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सेक्रेटरी इस तरह का बयान क्यों दे रहे हैं? यह सोचने वाली बात है कि गायों के मरने के सवाल पर बेतुका बयान देकर सरकार के मंसूबों पर पानी फेरते नजर आ रहे है। अब देखना यह है कि इस पर संबंधित अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं?