आजादी के बाद पहली बार 6 जुलाई को कांग्रेस यूपी विधानपरिषद से हो जाएगी खत्म, बसपा का बचेगा सिर्फ एक सदस्य


प्रखर एजेंसी/डेस्क। भाजपा सरकार के इस शासनकाल का पहला विधानसभा सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। यह इस मायने में ऐतिहासिक होगा कि कांग्रेस के एकमात्र सदस्य दीपक सिंह का यह आखिरी सत्र होगा। वर्ष 1909 में मोती लाल नेहरू के साथ शुरू हुआ कांग्रेस के प्रतिनिधित्व का सफर 2022 में छह जुलाई को दीपक सिंह का कार्यकाल पूरा होने के साथ शून्य पर पहुंच जाएगा। यह सत्र इस मायने में भी खास है कि सत्र शुरू होने के तीन दिन बाद ही सपा के तीन सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। 113 साल के विधान परिषद के इतिहास में यह पहली बार होगा कि कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाला सदन में कोई नहीं होगा। वर्ष 1909 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोती लाल नेहरू इस सदन के सदस्य बने। इसके बाद कभी ऐसा नहीं हुआ कि यहां कांग्रेस का प्रतिनिधि न हो। सपा के नेता प्रतिपक्ष संजय लाठर, राजपाल कश्यप और अरविंद कुमार का कार्यकाल 26 मई को पूरा हो रहा है।तीन दिन सदन में मौजूदगी दर्ज कराकर इनका कार्यकाल पूरा होगा। ये सभी मनोनीत सदस्य हैं। वहीं इनके अलावा 11 सदस्य और ऐसे होंगे जिनका कार्यकाल अगले सत्र से पहले खत्म होगा। इनमें दीपक सिंह के अलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा के भूपेन्‍द्र सिंह, सपा के जगजीवन प्रसाद, डा. कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, शतरुद्र प्रकाश, बलराम यादव, रामसुन्दर दास निषाद, बसपा के अतर सिंह, सुरेश कुमार कश्‍यप और दिनेश चन्‍द्रा का कार्यकाल खत्म होगा। शतरुद्र प्रकाश भाजपा में शामिल हो चुके हैं। विधान परिषद में बसपा के पहले नेता सदन आरके चौधरी 30 जून 1995 से 28 अक्तूबर 1995 तक रहे और अब विधानपरिषद में तीन सदस्यों का कार्यकाल जुलाई 2022 और आखिरी सदस्य भीमराव अम्बेडकर का कार्यकाल 5 मई, 2024 को खत्म होगा। इसके बाद यहां बसपा का भी प्रतिनिधित्व खत्म हो जाएगा। इस बार बसपा का केवल एक विधायक ही विधानसभा पहुंचे हैं।