ग़ाज़ीपुर- आनलाइन तीन दिवसीय सतत् पुनर्वास शिक्षा का आयोजन किया गया

प्रखर ब्यूरो जखनियां/गाजीपुर। मनिहारी विकासखंड के सिद्धपीठ औढ़ारी मठ पर स्थित भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित श्री महादेव जी रामाधार दिव्यांग शिक्षण प्रशिक्षण केंद्र की तरफ से ऑनलाइन तीन दिवसीय सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम (सी आर इ) 21, 22, 23 जून को आयोजित किया गया। इस वर्ष की लगातार तीसरी सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम गाजीपुर की ऐतिहासिक धरती पर संस्थान के लिए एक विशेष उपलब्धि है। संस्थान के निदेशक रमेश यादव के कुशल मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देश में प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर अजीत कुमार गुप्ता द्वारा लगातार तीसरी सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम का मुख्य विषय “अर्ली इंटरवेंशन सर्विसेस टू चिल्ड्रेन विद स्पेशल नीड्स” सुनिश्चित किया गया। तीन दिवसीय वेबीनार कार्यक्रम से निश्चित रूप से विशेष शिक्षक, पुनर्वास व्यवसायी, दिव्यांग बच्चे एवं उनके अभिभावकों को जागरूकता एवं ज्ञानार्जन हुई।प्रथम दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कमलाकांत पांडे, जी सी व इ सी मेंबर आरसीआई न्यू दिल्ली एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रियंका श्रीवास्तव, असिस्टेंट प्रोफेसर बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी का आशीर्वचन व मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। प्रथम दिवस के वक्ता आशीष कुमार गुप्ता (असिस्टेंट प्रोफेसर लखनऊ) ने शीघ्र हस्तक्षेप की अवधारणा को बिंदुवार स्पष्ट किया एवं डॉ. सतीश चंद्र (असिस्टेंट प्रोफेसर) ने शीघ्र हस्तक्षेप के मॉडल गृह आधारित, केंद्र आधारित तथा संकलन आधारित के बारे में चर्चा की तथा इनसे दिव्यांग बच्चों को क्या क्या लाभ हो सकते हैं इस पर विस्तृत चर्चा की। मध्यान्ह उपरांत डॉ. मानवी यादव (असिस्टेंट प्रोफेसर झारखंड यूनिवर्सिटी) ने अर्ली चाइल्डहुड स्पेशल एजुकेशन पर व्याख्यान दिया एवं डॉ. धनंजय देशमुख (असिस्टेंट प्रोफेसर गांधीनगर गुजरात) ने अर्ली स्क्रीनिंग, अपगार स्केल, टॉर्च इनफेक्शन पर विस्तृत चर्चा की। द्वितीय दिवस के प्रथम वक्ता विभा शर्मा ने बौद्धिक अक्षम बच्चों के लिए शीघ्र हस्तक्षेप के बारे में बताया एवं डॉ. हरीश सोनी (असिस्टेंट प्रोफेसर आई एस एल आर टी सी न्यू दिल्ली) ने भाषा और और वाणी की कठिनाइयों को दूर करने में शीघ्र हस्तक्षेप सेवाओं के बारे में बताया तत्पश्चात स्मृति पांडे (रिहैबिलिटेशन साइकोलॉजिस्ट नई दिल्ली) ने बौद्धिक अक्षम बच्चों के लिए उपलब्ध शीघ्र हस्तक्षेप सेवाओं के बारे में व्याख्यान दिया। मध्यान्ह उपरांत नागेंद्र पांडे सीआरसी गोरखपुर ने श्रवण बाधित बच्चों के लिए शीघ्र हस्तक्षेप के महत्व के बारे में बताया एवं अनीता सरदाना कंसलटेंट स्पेशल एंड इंक्लूसिव एजुकेशन नई दिल्ली ने डिनोस कैस्केड मॉडल के बारे में विस्तृत चर्चा की। तृतीय दिवस के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जितेंद्र यादव (डायरेक्टर सीआरसी रांची) का अभिवादन एवं स्वागत संस्थान के निदेशक रमेश यादव द्वारा किया गया। तत्पश्चात तृतीय दिवस के कार्यक्रम के प्रथम वक्ता कल्याणम करोति मथुरा से राम प्रकाश प्रजापति ने आई एफ एस पी से दिव्यांग बच्चों एवं उनके परिवार को किस प्रकार से शीघ्र हस्तक्षेप सेवाएं प्रदान की जाती हैं, इसके बारे में विस्तृत व्याख्यान दिया एवं सीआरसी गोरखपुर से रिहैबिलिटेशन ऑफिसर राजेश कुमार यादव ने शीघ्र हस्तक्षेप कार्यक्रम में विशेष शिक्षकों की भूमिका के बारे में बताया। मध्यान्ह के बाद कृष्ण कुमार पाठक (असिस्टेंट प्रोफेसर गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी छत्तीसगढ़) ने शीघ्र हस्तक्षेप कार्यक्रम के लिए आर पी डब्ल्यू डी अधिनियम 2016 के प्रावधान एवं नियमों के बारे में विस्तृत व्याख्यान दिया एवं जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी नई दिल्ली से डॉ. तान्वी ने विशेष बच्चों के स्कूल रेडीनेस एवं दिव्यांग बच्चे का घर से स्कूल ट्रांजिशन पर विशेष चर्चा की। तीन दिवसीय सी आर इ के समापन पर संस्थान के प्रवक्ता रवि प्रकाश शुक्ला द्वारा आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।