एनआईए व यूपी एटीएस ने वाराणसी से पीएफआई के तीन संदिग्धो को उठाया

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प्रखर डेस्क/वाराणसी। एनआईए और एटीएस की टीम ने गुरुवार को वाराणसी के आदमपुर और जैतपुरा में छापा मारकर पीएफआई के संदिग्ध तीन कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। उनसे गुप्त स्थान पर पूछताछ की जा रही है। तीनों के मोबाइल और ई-मेल एकाउंट को भी खंगाला गया। बताया जा रहा है कि इनके कनेक्शन पीएफआई के बड़े नेताओं से है। हालांकि इस बारे में कोई भी सुरक्षा एजेंसी मुंह नहीं खोल रही है। उधर, भेलूपुर के बजरडीहा, मदनपुरा, वरुणा जोन के सरैया, पुरानापुल, आदमपुरा और जैतपुरा, शिवपुर में दिन भर हलचल मची रही। पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा आतंकी फंडिंग को लेकर देश भर में एनआईए और एटीएस की टीम छापा मार रही है। नई दिल्ली में पीएफआई के हेड परवेज को गिरफ्तार किया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार बनारस में पीएफआई से जुड़े तीन सक्रिय कार्यकर्ताओं को जैतपुरा थाना अंतर्गत कच्ची बाग और आदमपुर थाना अंतर्गत पीलीकोठी और पठानीटोला से सुबह पांच बजे हिरासत में लिया गया। टीम उन्हें कहा ले जाकर पूछताछ कर रही है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। हिरासत में लिए गए तीनों के परिजन जैतपुरा और आदमपुरा थाने पर जुटे रहे। हालांकि पुलिस ने उन्हें लखनऊ से हुई कार्रवाई का हवाला दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार एनआईए की टीम सबसे पहले अलसुबह साढ़े चार बजे आदमपुरा थाना अंतर्गत पठानी टोला धमकी। यहां से एक युवक को उठाया, जिसका मोहल्ले में बहुत कम आना जाना था। उक्त युवक को उठाए जाने के बाद आदमपुरा थाना अंतर्गत ही छित्तनपुरा से एक युवक को उठाया। पांच बजे के बाद जैतपुरा के कच्चीबाग में टीम पहुंची और युवक को हिरासत में लिया। एनआईए की टीम ने तीनों परिवार के लोगों से उनका नाम, पता और मोबाइल नंबर लेने के साथ ही रिश्तेदारों के बारे में जानकारियां जुटाई। पूछताछ में यह जानने की कोशिश की क्या कभी कोई सदस्य देश से बाहर गया। कच्चीबाग में साड़ी और कपड़े की पुश्तैनी दुकान संभालने वाले युवक और छित्तनपुरा सहित पठानीटोला के रहने वाले युवक के एंड्रायड मोबाइल को एनआईए ने जब्त किया। मोहल्ले के लोगों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि पठानीटोला में रहने वाला युवक किसी से बात नहीं करता था। बहुत कम दिखता भी था। तीन साल पूर्व नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शहर का माहौल बिगाड़ने में पापुलर फ्रंट इंडिया के सदस्यों की भूमिका अहम थी। बेनिया और बजरडीहा में हुए बवाल के दौरान 40 से अधिक लोगों को चिन्हित किया गया था, जो पीएफआई से जुड़े हुए बताए गए थे। बजरडीहा में बवाल के दौरान पत्थरबाजी और भगदड़ में एक बच्चे की मौत हो गई थी। कमिश्नरेट पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्रतिबंधित संगठन सिमी पर सख्ती के बाद उसके कई पदाधिकारी और सदस्य पीएफआई में शामिल हो गए। पीएफआई की स्थापना 2006 में हुई थी। केरल से शुरू हुआ यह संगठन मौजूदा समय में देश के विभिन्न राज्यों में सक्रिय है। बनारस में भी उसके 80 से अधिक कार्यकर्ता तीन साल पहले सीएए-एनआरसी बवाल के समय चिन्हित हुए थे।